भले ही हम 21वीं सदी की ओर बढ़ रहे हैं लेकिन हमारे अंदर संवेदनाएं मरती जा रही हैं। आज हम आप को ऐसे किस्से के बारे में बतायेंगे जिसे सुनकर आप की आंखे नम हो जाएंगी।

सुबह से शाम तक शव लेकर बैठे रहे मासूम

  • बता दें कि मूलरूप से जौनपुर जिले के इमलिया गांव के रहने वाली नीतू (35) काफी दिनों से बीमार चल रही थी।
  • वह पीजीआई थाना क्षेत्र के साऊथ सिटी उतरौली में अपने पिता शिव प्रकाश सिंह के पास किराये के मकान में रहती थी।
  • नीतू का एक बेटा आयुष (10) और दो बेटियां आयुषी (7) और अनन्या (5) हैं।
  • बताया जा रहा है कि गुरुवार को नीतू की अचानक मौत हो गई।
  • अपनी मां की मौत के बाद मासूम बच्चे मां के शव को लेकर सुबह से लेकर शाम तक बैठे रहे।
  • अस्पताल से मां का शव लेकर किसी तरह जब मासूम कमरे पर पहुंचे तो मकान मालिक ने शव रखने से मना कर दिया।


लाश गाड़ी ने दिया धोखा, पुलिस और लोगों ने दिया साथ

  • सरकारी गाड़ी शव और बच्चों को पास के शमशान घाट पर उतार कर चली गई।
  • मासूम बच्चे मां का शव लेकर शमशान घाट पर रोते रहे और आने जाने वाले से मदद की गुहार लगाते रहे लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा।
  • इसकी सूचना स्थानीय पुलिस और समाजसेवियों को हुई तो वह मौके पर पहुंचे। यहां मौके पर पहुंचे चौकी इंचार्ज रणजीत सिंह ने शव के अन्तिम संस्कार करने की व्यवस्था की।
  • पुलिस उप निरीक्षक ने कई समाजसेवियों की मदद से चंदा इकठ्ठा किया और असहाय बच्चों की मदद करके मानवता की एक मिशाल पेश की है।
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