पूरी दुनिया में खुद को आधुनिक हथियारों से लैस और हाईटेक पुलिस के साथ सबसे बड़ा पुलिस होने का दावा करने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस बदमाशों के आगे नतमस्तक दिख रही है। वैसे पश्चिमी यूपी में पुलिस ने ताबड़तोड़ मुठभेड़ करके आतंक का पर्याय बने बदमाशों को ढ़ेर किया और कई को सलाखों के पीछे पहुँचाया लेकिन एक भाजपा विधायक के संरक्षण में पल रहे बदमाशों के कहर के चलते मेरठ के एक दरोगा ने घर से पलायन कर दिया। पीड़ित अपनी पत्नी को खो चुका है और बदमाश उसके बेटे को भी गोली मार चुके हैं। पीड़ित सीएम से लेकर डीजीपी से भी मिला लेकिन अपना ही पुलिस विभाग उसे न्याय नहीं दिला पा रहा है नतीजन पीड़ित दरोगा ने घर छोड़ दिया।

दरोगा की पत्नी की हो चुकी है हत्या

जानकरी के मुताबिक, मूलरूप से अलीगढ़ के पिसावा थाना क्षेत्र के धर्मपुर निवासी बृजपाल सिंह 44 वी वाहिनी पीएसी मेरठ में दरोगा हैं। जो परिवार के साथ नौचंदी क्षेत्र के शास्त्रीनगर स्थित के ब्लॉक में रह रहे थे। एक मार्च को होली के दिन इलाके के शातिर बदमाश अर्जुन राणा ने दरोगा की पत्नी सुमन की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब उसके बेटे ने विरोध किया तो बदमाशों ने दरोगा के बेटा कविंद्र को भी गोली मार दी थी, इसमें वह गंभीर रूप से घायल हुआ था। किस्मत अच्छी थी कि कवींद्र की जान बच गई। मगर इस वारदात के बाद दारोगा का परिवार खौफ में जी रहा है। सुमन अपने पति की बहन के हत्या के मामले में चश्मदीद थी और खुद दरोगा बृजपाल वादी। पुलिस ने वक़्त की नजाकत देखी और सुरक्षा भी दे दी। मगर 15 दिन बाद पुलिस सुरक्षा हटा ली गयी। खौफ में जी रहा दारोगा परिवार समेत 30 अप्रैल को घर खाली करके पलायन कर गया।

कुख्यात के ऊपर सत्ताधारी विधायक का हाथ

आरोप है कि इस वारदात के मुख्य आरोपी अर्जुन राणा पर इलाके के सत्ताधारी विधायक का हाथ था इसलिए उसकी गिरफ्तारी काफी देरी से और नाटकीय ढंग से हुई। दरोगा के परिवार को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थी। स्थानीय पुलिस से निराश दारोगा सुरक्षा की गुहार लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर प्रदेश के DGP तक से मिला। लेकिन न तो उसके परिवार को सुरक्षा मिली और न ही पुलिस ने अपने वायदे के मुताबिक उसे असलाह का लाइसेंस जारी किया। अपने ही महकमे से मायूस और कातिलों की साज़िश से खौफ़जदा दरोगा अपने परिवार को लेकर कहीं चला गया है। पुलिस की बेशर्मी का आलम यह है कि अपनी पत्नी को कातिलों के हाथ गवाने के बाद पलायन करने वाले दारोगा के परिवार की एसपी सिटी को खबर तक नहीं है।

मेरठ में गवाहों की एलान करके हो चुकी हत्याएं

पिछले कुछ महीनो में मेरठ में हत्या के मामलों में गवाहों के ऐलानिया कत्ल देखे है जिनमे पुलिस कत्ल के बाद हाथ मलती नजर आयी। दरोगा का खौफ गवाहों के उस अंजाम को देखकर है। लेकिन इतनी संगीन वारदातों के बाद भी पुलिस का संवेदनशील न होना कानून- व्यवस्था की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है। एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि अर्जुन राणा इस केस का मुख्य आरोपी है। उस पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है।

 

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