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बदमाश बनी बाराबंकी पुलिस, रिश्वत न देने पर अधेड़ को बेहोश होने तक पीटा

एक ओर जहां यूपी पुलिस ऑपरेशन क्लीन के जरिये वाहवाही लूट रही है वहीं, आम जनता की सुरक्षा का दावा करने वाली पुलिस का खौफनाक ​चेहरा ​भी देखने को मिला है। मामला बाराबंकी का है जहां थाना सुबेहा पुलिस का बेहद संवेदनहीन चेहरा सामने आया है। आरोप है कि बाराबंकी पुलिस ना सिर्फ अवैध वसूली कर रही है, बल्कि पैसे ना देने पर मारपीट भी कर​​​ रही​ है।

क्या है पूरा मामला

बता दें कि ​बाराबंकी निवासी मुन्ना लकड़ी का ठेकेदार है। आरोप है कि बुधवार को वो निमंत्रण से वापस आ रहे थे। इसी बीच रास्ते में सुबेहा पुलिस ने उन्हें रोक लिया और बिना कुछ बताये ही बर्बरता से पिटाई करने लगे। जबकि पीड़ित पुलिसकर्मियों के आगे हाथ पांव जोड़ता रहा। लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसकी एक नहीं सुनी।

सिपाहियों ने उसको डंडो से इतना पीटा की वह गंभीर रूप से घायल होने के बाद बेहोश होकर गिर पड़ा। सरेबाज़ार बाराबंकी पुलिस की इस कृत्य को देखने के बाद लोगों में दहशत फैल गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। पीड़ित का यह भी आरोप है कि उक्त समय में सुबेहा पुलिस ने शराब पी रखी थी और मुझे पीटने से पहले ही मेरे साथी को वहां से भगा दिया। मुन्ना की बेहोश होने की सूचना परिजनों को मिली तो उन्होंने उसको हैदरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया।

रिश्वत ना देने से नाराज थी पुलिस

इस बारे में जब मुन्ना के परिजनों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व ही लकड़ी की कटान की एवज में पुलिसकर्मियों ने रिश्वत की मांग की। जो मुन्ना ने देने से मना कर दिया था। इसी बात को लेकर सुबेहा पुलिस नाराज थी और मौका मिलते ही उसे पीट दिया।

गरीब मजबूर-मजलूम पर ताकत आजमा रही पुलिस

क्षेत्रीय लोगो का कहना है कि योगी सरकार भले ही पुलिस महकमे को सुधारने में एड़ी से चोटी तक का जोर लगा ले। लेकिन कुछ पुलिसकर्मी हैं जो सरकार की सारी कोशिशों पर पलीता लगाने में जरा सा भी संकोच नहीं कर रही है। दूसरी ओर बाराबंकी पुलिस अपराध रोकने में तो नाकाम है, लेकिन गरीब मजबूर और मजलूमों पर अपनी ताकत दिखने में पीछे नहीं है।

अपने बचाव में पीड़ित पर ही दोष मढ़ने में जुटी पुलिस

सुबेहा पुलिस ने बताया कि कल यहाँ एक सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित था। जिसमे मुन्ना नशे में आकर खलल डाल रहा था। जब वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने रोका तो ये लड़ाई करने पर आमादा हो गए। हालांकि लोगों का कहना है कि पुलिस अपने बचाव में पीड़ित पर ही आरोप मढ़ने लगी है। फ़िलहाल मामला क्या है ये जांच का विषय है।

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