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लखनऊ: दो घंटे लेट लुटेरे के घर पहुंची थी पुलिस, तब तक भाग गया लुटेरा

Blind Murder/loot Case

police raid at Axis bank cash van looted accused house

कहने को तो राजभवन के पास हत्या व लूटकांड के खुलासे के लिए एसटीएफ और पुलिस की आठ टीमें लगाई गईं थी। लेकिन ऑपरेशन की कमान ऊपर बैठे बड़े पुलिस अधिकारियों के हाथ में थी। किस टीम को क्या करना है? कहां पहुंचना है? किसका पता लगाना है? किसको उठाना है? यह आदेश उच्च अधिकारियों से आते थे। पुलिस टीम में सिर्फ आदेशों का पालन करती थी। इस चक्कर में पुलिस टीमों ने न सिर्फ तमिल तालमेल की कमी दिखी। बल्कि लापरवाही भी उजागर हुई। शनिवार सुबह इसी लापरवाही के चलते लुटेरा पुलिस के शिकंजे से आकर फिसल गया था।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, सीसीटीवी कैमरों की फुटेज हो जनता के माध्यम से अधिकारियों को खूनी लुटेरे का सुराग मिल गया था। शनिवार सुबह 7:00 बजे पुलिस की एक टीम को कृष्णा नगर के न्यू इंद्रपुरी पहुंचने के लिए ऊपर से आदेश दिया गया। टीम को यह भी बताया गया था कि खूनी लुटेरा घर पर ही है। उसके घर पर मां-पत्नी व बच्चे हैं। लूट में इस्तेमाल बाइक भी घर पर ही है। यह भी कहा गया कि खूनी लुटेरा 8:00 से 9:00 के बीच चला जाएगा। इस गंभीर सूचना के बाद भी पुलिस टीम लापरवाह बनी रही और 2 घंटे बाद यानी 9:00 बजे इंद्रपुरी पहुंची। तब तक खूनी लुटेरा घर से फरार हो गया।

डीजीपी कार्यालय आये एक ई-मेल से पुलिस को लगा सुराग

पुलिस सूत्रों ने बताया कि खूनी लुटेरे का मकान शुक्रवार रात को ही चिन्हित कर लिया गया था। उसके पास असलहे होने और परिवार के साथ होने की वजह से पुलिस एहतियात बरत रही थी। सोशल मीडिया पर आरोपित विनय उर्फ विनीत की फोटो और वीडियो वायरल होने से पुलिस को काफी मदद मिली। एडीजी जोन राजीव कृष्णा के मुताबिक, डीजीपी ऑफिस में कृष्णानगर क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने ई-मेल किया था। इसमें आरोपित के बारे में जानकारी दी गई थी। मेल करने वाले ने फुटेज व अखबार में फोटो देखकर हुलिया के आधार पर पुलिस को सूचना दी थी। फिलहाल लुटेरा रायबरेली से देर रात गिरफ्तार कर लिया गया डीजीपी ने ट्विटर के माध्यम से लखनऊ पुलिस एडीजी जोन आईजी जोन और एसएसपी को सनसनीखेज घटना के खुलासे के लिए बधाई दी है।

घटना को अंजाम देकर 3 घंटे तक शहर की गलियों में घूमता रहा लुटेरा

राज भवन के पास सोमवार दोपहर हत्या लूट की सनसनीखेज वारदात के बाद भी खूनी लुटेरा 3 घंटे तक शहर की गलियों और सड़कों पर बाइक लेकर टहलता रहा। एंटी डकैती सेल के प्रभारी फरीद अहमद ने सीसीटीवी कैमरे देखे तो पता चला कि खूनी लुटेरा VIP इलाके से लेकर पूरे शहर की गलियां छानता रहा। शाम करीब 7:15 बजे वह अपने घर पहुंचा। सूत्रों ने बताया कि न्यू इंद्रपुरी स्थित घर से कुछ दूरी स्थित एक कांप्लेक्स में लगे कैमरे की फुटेज में वह शाम 7:02 पर नजर आया था। इससे पहले कि किसी के पास मिले होटल में से उसका रूट मिल गया। यहां से विनीत आरडीएसओ कॉलोनी के पीछे सूर्य नगर से बारा बिरवा पहुंचा। यहां से मुड़कर वह पारा के हंस खेड़ा वाले रास्ते पर गया और क्रॉसिंग पार कर गया। इस बीच लंगड़ा फाटक पर मानक नगर पुलिस वाहन चेकिंग कर रही थी लेकिन विनीत कच्चा देकर निकल गया।

आईजी ने तैयार की थी रणनीति

सीसीटीवी फुटेज और लुटेरे के फरार होने की क्लिप देखने के बाद पुलिस महानिरिक्षक सुजीत पांडेय ने पीछा करने की रणनीति तैयार की। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने विभिन्न थानों के साथ पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम को प्रतिष्ठानों आवासों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के आदेश दिए। साथ ही हर थाने के बीट कांस्टेबल को भी एक्टिव किया। वहीं पुलिस निरीक्षक ने खुद मॉडर्न पुलिस कंट्रोल रूम के सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए पुलिस ने शुक्रवार को एकत्र किये। इसके बाद लुटेरा कृष्णा नगर इलाके के सीसीटीवी कैमरे में नजर आया।

आरोपी कभी नहीं गया जेल

एसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्रा ने बताया कि लुटेरा काफी शातिर और खतरनाक अपराधी है। उसने कई वारदातें भी होंगी लेकिन पुलिस उसे कभी पकड़ नहीं सकी। हर बार वह पुलिस को गच्चा दे कर बच निकलता है। वह कभी पकड़ा नहीं गया इसलिए जेल भी नहीं गया। अगर वह जेल जाता तो कई दिन पहले ही उसकी पहचान हो जाती।

मोबाइल बंद होने के बाद घर पहुंची थी बहन

विनीत की बहन पूनम ने बताया कि वह मां से बातचीत करने के लिए भाई के मोबाइल नंबर पर कॉल करती थी। 3 दिन से भाई का मोबाइल फोन बंद आ रहा था। उसे चिंता हुई तो वह बच्चे के साथ घर आ गई। उसने बताया कि भी नहीं शनिवार सुबह लगभग 8:30 बजे घर से बिना किसी को बताए निकल गया। इसके घंटे भर बाद पत्नी सोनी भी बेटियों को लेकर चली गई। सोनी ने कहा था कि वह बेटी आराध्या के स्कूल जा रही है। शायद विनीत ने ही उसे किसी बहाने से बुलाया होगा।

टीवी का मरीज है खूनी लुटेरा

पूनम ने भी बताया कि उसके भाई को टीवी की बीमारी है। उसका उपचार चल रहा है वह मानक नगर रेलवे स्टेशन पर मोमोज की दुकान करता था। पत्नी सोनी घर पर ही मोमोज बनाती थी। कुछ महीने पहले वह फिनिक्स मॉल के पास मोमोज बेचता था। उसके पिता सरवन कुमार स्वास्थ्य विभाग से रिटायर्ड हैं। उनके विनीत के अलावा दो बेटे संतोष को दिलीप और बेटियां पूनम व जूली हैं। पूनम की शादी उन्नाव में कवींद्र पांडेय से हुई है। जबकि जूली का विवाह रायबरेली के युवक से हुआ है। संतोष मोहनलालगंज में अपनी ससुराल में ही रहता है। दिलीप की एक साल पहले डेंगू की बीमारी से मौत हो चुकी है।

दोस्त की हत्या कर चुका खूनी लुटेरा

रायबरेली के नखदिलपुर गांव निवासी विनीत त्रिपाठी उर्फ अरविंद उर्फ बद्री ने वर्ष 2013 में निराला नगर में रहने वाले अपने दोस्त सुरेश कुमार बाजपेई की गोली मारकर हत्या कर दी थी। दोनों के बीच लेनदेन को लेकर विवाद हुआ और विनीत ने उसे मौत के घाट उतार दिया था। सदर कोतवाली इन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद सेवा फरार चल रहा था। कोर्ट ने उसे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया। लेकिन विनीत पेश नहीं हुआ । पुलिस ने 24 अप्रैल 2015 को उस पर 2500 रुपये का इनाम रखा था। कोर्ट के आदेश पर 2 साल पहले उसके घर की कुर्की की जा चुकी है। उसके खिलाफ वर्ष 2013 में गुरबख्श गंज थाना में लड़की भगाने का भी एक मामला दर्ज है। पुलिस का दबाव बढ़ने पर उसके परिवारीजनों के साथ रायबरेली छोड़ दिया और लखनऊ के में किराए के मकान में रहने लगे।

माँ की तरफ से दिए गए प्रार्थना पत्र को पुलिस ने बनाया आधार

आईजी रेंज सुजीत पांडेय ने बताया कि खूनी लुटेरे विनीत के घर घुसने के लिए फूल आरोपी की मां राजकुमारी की तरफ से 15 दिन पहले मिले शिकायती पत्र को आधार बनाया। 3 इंस्पेक्टर सादे कपड़ों में प्रार्थना पत्र की जांच करने के बहाने घर में घुसे। विनीत के मर चुके भाई दिलीप ने पारा में किसी शैलेंद्र दीक्षित के नाम से 5 लाख रुपये में जमीन का टुकड़ा खरीदा था। बाद में वह जमीन नजूल की है। दिलीप अपने शैलेंद्र से अपने रुपया मांगे तो वह टालमटोल करने लगा। किसी भी दिलीप की बीमारी से मौत हो गई रुपए के लिए दिलीप कुमार राजकुमारी शैलेंद्र के चक्कर लगाने शुरू कर दिए।

करीब 2 सप्ताह पहले राजकुमारी ने पारा थाना में शैलेंद्र के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया था। पुलिस ने खूनी लुटेरे का घर में घुसने के लिए इसी प्रार्थना पत्र को आधार बनाया। इस्पेक्टर पर अखिलेश चंद्र पांडेय इंस्पेक्टर ठाकुरगंज अंजनी कुमार पांडे और इंस्पेक्टर सरोजिनी नगर राम सूरत सोनकर सादे कपड़े में खूनी लुटेरे के घर पहुंचे और दरवाजा खटखटाया। भीतर से किसी महिला ने पूछा तो इंस्पेक्टर अखिलेश पांडेय ने प्रार्थना पत्र के बारे में बताते हुए खुद को पारा थाना से आने की बात कही। इस पर पूनम ने दरवाजा खोला आंगन में पहुंचते ही लूट में इस्तेमाल सफेद रंग की स्पोर्ट बाइक खड़ी मिल गई। पुलिस ने बातचीत के बहाने विनीत के बारे में पूछ लिया पता चला कि वह सुबह से ही घर से निकला हुआ है। इस्पेक्टर ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी मौके पर पहुंच गए।

बहनोई की दुकान पर जाकर भाग गया लुटेरा

लुटेरा विनीत घर से अकेले ही निकला था और कुछ दूर स्थित बहनोई कवींद्र पांडेय की एल्युमिनियम की दुकान पहुंचा। इसके बाद कवींद्र उसे अपनी बाइक से लंगड़ा फाटक तक छोड़ने गया। वहां से खूनी लुटेरा संभवता ऑटो पकड़ कर आलमबाग बस अड्डा पहुंचा और भाग गया। कविंद्र की पुलिस तलाश कर रही थी। पुलिस को विनीत के घर से उसकी वोटर ID, आधार कार्ड, हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की मार्कशीट और प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज मिले। प्रमाण पत्रों में उसकी फोटो देखकर पुलिस ने चश्मदीद को मौके पर बुलाया। फोटो देखकर ही चश्मदीद ने उसे पहचान लिया। आसपास के लोगों ने भी फोटो देख कर भी नहीं पहचान की थी।

आरोपी ने हटा दी थी नंबर प्लेट

आरोपित ने बाइक के पीछे लगी नंबर प्लेट खोल दी थी। वहीं आगे वाली नंबर प्लेट भी बदल दी थी। विनय ने घटना के समय जिस नंबर प्लेट का इस्तेमाल किया था वह एक स्कूटी की थी, जो लालकुआं के एक युवक की निकली। हालांकि अभी तक बदली गई नंबर प्लेट नहीं बरामद हो सकी है।

सोशल मीडिया से मिली पुलिस को काफी मदद

सोशल मीडिया पर आरोपित विनय उर्फ विनीत की फोटो और वीडियो वायरल होने से पुलिस को काफी मदद मिली। एडीजी जोन राजीव कृष्णा के मुताबिक डीजीपी ऑफिस में कृष्णानगर क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने ई-मेल किया था। इसमें आरोपित के बारे में जानकारी दी गई थी। मेल करने वाले ने फुटेज व अखबार में फोटो देखकर हुलिया के आधार पर पुलिस को सूचना दी थी।

कुल 12 संदिग्धों के मोबाइल नंबर रडार पर थे

एडीजी का कहना है कि कुल 12 संदिग्धों के मोबाइल नंबर रडार पर थे, जिनमें से एक विनय का भी था। ई-मेल आने पर पुलिस टीम को इसकी पुष्टि करने के लिए भेजा गया। सादी वर्दी में पुलिस अधिकारी न्यू इंद्रपुरी पहुंचे और छानबीन शुरू की। आरोपित किस मकान में रहता है, इसकी सटीक जानकारी पुलिस के पास नहीं थी, इस कारण घर पर दबिश देने में विलंब हुआ। पड़ताल के दौरान मुखबिर की मदद से पुलिस ने 254/20 न्यू इंद्रपुरी में छापेमारी की, जिसके बाद पूरी कहानी उजागर हो गई। बरामद बाइक दिलीप तिवारी के नाम से है। विनय की मां ने बताया कि उसके बेटे दिलीप की 28 नवंबर 2016 को डेंगू से मौत हो गई थी। पुलिस आरोपित के बड़े भाई संतोष के बारे में भी पता लगा रही है। जो दूध वाहन चलाता है।

चश्मदीद प्रभात कुमार के हौसले को सलाम

अनौरा कला चिनहट निवासी जिस चश्मदीद प्रभात कुमार पांडेय ने कैश वैन लुटेरे से भिड़कर उसकी पिस्टल छीन ली थी। प्रभात वारदात के बाद से लुटेरे को चिह्न्ति करने का दावा कर रहे थे, शनिवार को वह पुलिस के साथ लुटेरे के घर पहुंचे और फोटो देखते ही कहा यही है लुटेरा। तीस जुलाई को वारदात के समय पौने चार बजे के करीब प्रभात राजभवन के पास से गुजर रहे थे, तभी गोलियों की आवाज सुनकर गाड़ी सड़क किनारे खड़ी कर बाहर निकले। एक बदमाश पिस्टल लेकर भाग रहा था, प्रभात को पीछे से दौड़े और बदमाश के कोहनी मारकर नाइन एमएम की पिस्टल सड़क पर गिरा दी। बदमाश को जैसे ही दबोचने चले उसने 315 बोर का तमंचा प्रभात पर तान दिया। तमंचा देखकर प्रभात के कदम थम गए और बदमाश पिस्टल छोड़ बाइक लेकर भाग निकला। प्रभात ने पिस्टल कपड़े में लपेटकर मौके पर पहुंचे आइजी सुजीत कुमार पांडेय को दे दी और बदमाश का हुलिया भी बताया। कृणानगर स्थित भोलाखेड़ा के न्यू इन्द्रपुरी में इसी मकान में रहता था।

ये है पूरा घटनाक्रम

विशेषखंड गोमतीनगर स्थित एसआइपीएल (सिक्योरिटांस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) कंपनी से सीतापुर के संदना स्थित मिर्जापुर गांव निवासी कैश वैन का गनर इंद्रमोहन, ड्राइवर दुर्विजयगंज थाना नाका निवासी रामसेवक, कस्टोडियन मलिहाबाद के महमदपुर गांव निवासी उमेश चंद्र बीते सोमवार करीब पौने चार बजे राजभवन के बाहर कानून मंत्री बृजेश पाठक के घर के पास गाड़ी खड़ी की। कस्टोडियन एक्सिस बैंक में 44 लाख रुपये जमा करने गया था। इसी बीच सफेद रंग की टीवीएस स्पोर्ट्स बाइक खड़ी करके एक बदमाश कैश वैन के पास पहुंचा। उसने ड्राइवर के बगल में बैठे गनर से पता पूछने के बहाने शीशा डाउन कराया और उसे दो गोली मार दी, जिससे गनर की मौके पर ही मौत हो गई। इसी बीच कस्टोडियन कैश वैन के पास पहुंचा। ड्राइवर चिल्लाया और 24 लाख रुपये से भरा बैग लेकर भागने लगा। बदमाश ने कैश वैन में पीछे की सीट पर रखे 6.44 लाख रुपये से भरा बैग उठाया और दौड़ाकर पहले कस्टोडियन फिर ड्राइवर को गोली मार दी। इस बीच ड्राइवर किसी तरह 24 लाख रुपयों से भरा बैग लेकर बैंक में घुस गया। इस पर कस्टोडियन से बदमाश ने एक बैग छीन लिया। इसके बाद असलहा लहराते हुए बदमाश बाइक से अकेला ही भाग निकला था।

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