उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पुलिस का अजीबो-गरीब कारनामा फिर सामने आया है । मेरठ पुलिस ने 1 साल पहले मर चुके एक बुजुर्ग पर जानलेवा हमला करने का आरोप मढ़ते हुए उनके खिलाफ धारा 307 में मुकदमा दर्ज कर लिया। इतना ही नहीं पुलिस ने अटेम्प्ट टू मर्डर की घटना में मुख्य आरोपी का नाम निकाल कर पीड़िता के मृतक ससुर को ही आरोपी बनाया है। इस कारनामे की जानकारी होने के बाद पीडिता अपने परिजनों के साथ मिलकर पुलिस ऑफिस इंसाफ की गुहार लगाने पहुंची।
जेठ सहित कई अन्य के खिलाफ शिकायत लिखवाना चाहती थी महिला:
मेरठ के थाना कंकरखेड़ा इलाके से एक महिला, एसएसपी दफ्तर पहुंची जहाँ उस ने आरोप लगाया कि उसका पारिवारिक विवाद चल रहा है.
जिसमें उसके ससुर की 1 वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है लेकिन मृत्यु होने के बाद ही इसके जेठ सहित कई लोगों ने महिला के ऊपर जानलेवा हमला किया।
महिला के साथ मारपीट व जान से मारने की कोशिश की गई. साथ ही अपहरण की भी कोशिश की गई.
इसी मामले में महिला ने अपने जेठ सहित कई लोगों के खिलाफ धारा 307 के तहत हत्या करने के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था.
लेकिन पुलिस ने इस मामले में बड़ा खेल करते हुए महिला के जेठ मुख्य आरोपी का पुलिस ने नाम एफआईआर से निकाल दिया जबकि पीड़ित महिला के ससुर को ही मामले में मुख्य आरोपी बना दिया।
पुलिस ने साल भर पहले मर चुके ससुर को बनाया गुनहगार:
जबकि पीड़िता के ससुर का 1 साल पहले ही स्वर्गवास हो चुका है लेकिन इसके बाद भी कंकरखेड़ा पुलिस ने इस कारनामे को कर दिखाया।
इस मामले में पीड़िता ने आज पुलिस अधिकारियों से इंसाफ की गुहार लगाई लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि रस्सी का सांप बनाने वाली थाना पुलिस के कारनामे के बाद भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है ।
पुलिस ने कुछ भी बोलने से किया इंकार:
अधिकारियों से इस बाबत जानकारी की गई तो उन्होंने मामले से पल्ला झाड़ते हुए इंटरव्यू देने से साफ इंकार कर दिया ।
इससे यह साबित होता है कि थाना पुलिस आज भी बड़े बड़े खेल करती है। जिन पर उनके अधिकारी पर्दा डालने के लिए उनकी मदद करते हैं।
इक्का दुक्का मामला खुल जाता है लेकिन इस तरह के खुलासे के बाद भी पुलिस अधिकारी प्रकरण को गंभीरता से नहीं लेते जिसके चलते परलोक सुधार गए लोगों को भी पुलिस आरोपी बनाने से नहीं चूकती।