यूपी की मेरठ पुलिस रोज-रोज नए-नए कारनामे करती है, साथ ही प्रतिदिन चेकिंग भी करती है, लेकिन इस चेकिंग में एक भी अपराधी नहीं पकड़ा जाता है, बल्कि पुलिस आम लोगों के घर में बेवजह दबिश दे कर निर्दोष लोगों को उठाकर थाने ले जाती है, जिसके बाद उस परिवार की समाज में इज्जत उछाल जाती है और पुलिस महज खंडन करके अपना पल्ला झाड़ लेती है।
ताज़ा मामला मेरठ के लिसाड़ीगेट क्षेत्र थाना क्षेत्र है। यहां एसपी सिटी मान सिंह चौहान कई थानों की फ़ोर्स और आरएफ को लेकर चेकिंग के लिए निकले। इस दौरान पुलिस ने दो दर्जन से अधिक सदिग्ध गाड़ियों को जब्त किया। जबकि कई लोगों को हिरासत में भी लिया। लेकिन एक भी ऐसा प्रभावी बदमाश पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका, जिसको पुलिस बड़ी कामयाबी बता सके।
हां इतना जरूर है, चेकिंग की आड़ में पुलिस ने आम लोगों को जमकर परेशान किया। एक परिवार के निर्दोष लोगों को हिरासत में लेकर थाने में ले गई। इसी बीच आम लोगों ने थाने का घेराव शुरू कर दिया। पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध करना शुरू कर दिया। बढ़ती भीड़ को देखकर पुलिस बैकफुट पर आ गई और जिन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया था उनको छोड़ना पड़ा।
एएसपी सिटी से जब इस कार्रवाई के बारे में पूछा गया तो बड़ी ही आसानी से साहब ने कहा कि पुलिस से गलती हो गई। जिस जगह पुलिस को दबिश देनी चाहिए थी उस जगह दबिश नहीं दी गई। जबकि गलत जगह दबिश डाल दी गई। हालांकि मीडिया के सामने एसपी साहब को अपनी शाख भी बचानी थी। इसके बाद एसपी सिटी ने कमिटमेंट किया, अगर दबिश जान पूछ कर गलत जगह डाली गई है तो बीट की पुलिस पर कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दे थाना लिसाड़ीगेट पुलिस पहले भी काशिफ अली नाम के एक टीवी कलाकार के यहां बेवजह दबिश देकर तोड़फोड़ कर चुकी है। जिसमे पुलिस की जमकर किरकिरी हुई थी और टीवी कलाकार ने फेसबुक के माध्यम से लाइव करके जमकर पुलिस को गालियां दी थी। इस मामले में भी पुलिस के आलाधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। जिसके चलते आज भी पुलिस इस गलती को बे धड़क बिना किसी से डरे अधिकारियो की मौजूदगी में दोहरा रही है।
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