उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका था। लोग गांव से पलायन करने की तैयारी में थे। दाने-दाने को मोहताज हो चुके लोग एक दिन लोग सड़क पर क्या उतरे मानो आफत सी आ गई। जलभराव से परेशान होकर ग्रामीण सड़क पर उतरे ही थे कि पुलिस ने अपना असली चेहरा दिखा दिया। गांव वालों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना कुछ पूछे लोगों पर लाठियां बरसानी शुरू कर दीं। आनन फानन में ग्रामीण अपने घरों को छोड़ कर जान बचा कर भाग खड़े हुए। मगर बेरहम पुलिस ने गांव में एक भी युवक को नहीं छोड़ा। सबको गाड़ियों में भर कर थाने ले आई। एक तरफ जहां गांव पानी की मार झेल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस की लाठियों से पूरे गांव में सन्नाटा छाया हुआ है। महिलाएं रोती रही, मगर पुलिस ने एक न सुनी।
जानकारी के मुताबिक, पूरा घटनाक्रम कानपुर देहात जिला के मैथा तहसील क्षेत्र के गांव औरंगाबाद का है। जहां कई दिनों से गांव में जलभराव को लेकर ग्रामीण परेशान थे तो वहीं परेशानी की मार झेल रहे ग्रामीण सड़क पर उतर आए। ग्रामीणों का सड़क पर आना पुलिस को सहन नहीं हुआ। जैसे ही पुलिस को गांव में जाम की सूचना लगी, लाठी-डंडों के साथ औरंगाबाद के पास से गुजरती कानपुर बेला मार्ग पर पहुंच गई। बिना कुछ पूछे लोगों पर लाठियां बरसानी शुरु कर दी। पुलिस एक एक ग्रामीण को घसीट कर अपनी गाड़ियों में डाल कर ले गई। महिलाएं गांव में अकेली रह गई। पुलिस का ऐसा अमानवीय चेहरा देखकर तो रूह कांप गई। औरंगाबाद गांव का हाल तो कुछ इस कदर हो गया है मानो घर में और गांव में कोई बचा ही नहीं है। चारों तरफ सन्नाटा ही सन्नाटा। पुलिस ने किसी के घर के बक्से तोड़े, बर्तन फेंके तो किसी के घर के गेट तोड़ दिए।