उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ तो पिछले सरकार में दर्ज मुकदमों पर कार्यवाई तेजी से होना शुरू हो गयी है। पिछली सरकार में सत्ताधारी दल के कई नेताओं पर दर्जनों मुक़दमे दर्ज हुए थे मगर सत्ता में होने के कारण उन नेताओं पर कोई कार्यवाई नहीं हुई और उन्हें फाइलों में बंद कर दिया गया था। मगर अब उन फाइलों को खंगालकर सपा नेताओं पर कार्यवाई शुरू हो चुकी है। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के बड़े नेता और अखिलेश यादव के करीबी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने वारंट जारी कर दिया है।
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सत्ता परिवर्तन का दिखा असर :
समाजवादी पार्टी की सरकार में उसके नेताओं पर कई मुकदमे दर्ज किये गये थे मगर सत्ता में होने के कारण उन मुकदमों में कोई कार्यवाई नहीं हुई और वे दबा दिए गए। मगर समाजवादी पार्टी की सत्ता से विदाई और भाजपा की वापसी के साथ ही यूपी में बड़ा असर देखने को मिल रहा है। अब पिछली सरकार में सपा नेताओं पर दर्ज मुकदमों पर कार्यवाई का सिलसिला शुरू हो चुका है। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के बड़े नेता के खिलाफ पुलिस ने वारंट निकल कर तलाश शुरू कर दी है।
पूर्व जिला पंचायत की तलाश में पुलिस :
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय प्रताप सिंह यादव के खिलाफ पुलिस ने एक गैरजमानती वारंट जारी किया है। स्थानीय पुलिस ने इस मामले में छापेमारी कर विजय प्रताप की तलाश शुरू कर दी है। फिरोजाबाद पुलिस ने विजय प्रताप की छापेमारी में जिले में करना शुरू कर दिया है। साथ ही आगरा में भी पुलिस ने विजय प्रताप की खोज शुरू कर दी है। पुलिस ने कई स्थानीय सपा नेताओं के घर पर भी दबिश दी है। सपा नेता के खिलाफ विधानसभा चुनाव के दौरान भी कई मुक़दमे दर्ज किये गये थे। इन मुकदमों में वे हाजिर नहीं हुए जिसके बाद कोर्ट ने इनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया है।