राजधानी लखनऊ के आलमबाग इलाके में एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया। यहां डॉयल 100 में तैनात दारोगा का शव संदिग्ध परिस्तिथियों में उसके सरकारी आवास में रक्तरंजित पड़ा मिलने से सनसनी फैल गई। बताया जा रहा है कि दारोगा ने अपने सरकारी आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। गोली चलने की आवाज से घटना पर हड़कंप मच गया। जैसे ही लोग कमरे की तरफ दौड़े तो उसका खून से लथपथ शव पड़ा हुआ था। आनन-फानन में परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस आत्महत्या करने के कारणों के बारे में पता कर रही है। आत्महत्या करने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। घटना से मृतक के घर में कोहराम मचा हुआ है। पुलिस ने मौके से घटना में प्रयुक्त असलहा और खोखा कारतूस कब्जे में ले लिया है। फिलहाल पुलिस इस मामले में आगे की तफ्तीश कर रही है।
पारिवारिक तनाव था या विभागीय प्रेशर
जानकारी के मुताबिक, आलमबाग के लोको टोल टैक्स के पास सरकारी आवास में दारोगा अपने परिवार के साथ रहता है। दारोगा राजरतन वर्मा हरदोई जिला में डॉयल 100 में तैनात था। उसके परिवार में उसकी पत्नी और तीन बेटियां हैं। शनिवार सुबह आवास से गोली चलने की आवाज आई तो लोग कमरे की तरफ दौड़े। कमरे के भीतर दारोगा का खून से लथपथ शव बेड पर पड़ा था। पास में 12बोर की बंदूक पड़ी थी।घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने मौके से बंदूक और खोखा कारतूस बरामद कर ली है। दारोगा ने आत्महत्या की या किसी ने उसको गोली मारकर हत्या की है इसकी जाँच की जा रही है। दारोगा ने गोली क्यों मारी? कोई पारिवारिक तनाव था या विभागीय प्रेशर? ये जांच का विषय है। फ़िलहाल पुलिस पूरे मामले की गहनता से तफ्तीश कर रही है।
आखिर पुलिसकर्मी क्यों कर रहे आत्महत्या
29 मई 2018 को भी उत्तर प्रदेश पुलिस के पीपीएस अधिकारी और उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (यूपी एटीएस) में अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) के पद पर तैनात खुशमिजाज राजेश साहनी ने अज्ञात कारणों से अपने कार्यालय में गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। गोली चलने की आवाज सुनकर एटीएस कार्यालय में तैनात कर्मचारी कमरे की तरफ दौड़े। यहां उन्होंने खून से लथपथ अधिकारी को तड़पते देख फौरन अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी मौत हो गई। फिलहाल आत्महत्या करने के कारणों का पता अभी तक नहीं चल पाया है। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त सरकारी पिस्टल कब्जे में ले ली है। मौत पर सवाल उठने के बाद इसकी जाँच सीबीआई को सौंप दी गई है। सीबीआई ने अभी तक केस अपने हाथ में नहीं लिया है।