सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में उत्तीर्ण और काउंसलिंग से बाहर किए गए अभ्यर्थी रविवार को भी निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय में अड़े रहे। उन्होंने अपनी मांग पूरी न होने तक धरना प्रदर्शन जारी रखने का एलान किया है। सुबह तक परिसर खाली करने का आश्वासन देने के बाद भी जब अभ्यर्थी वहां से नहीं हटे तो पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए अभ्यर्थियों को निदेशालय प्रांगण से बाहर कर दिया। इस दौरान कुछ अभ्यर्थी पेड़ पर चढ़े और आत्महत्या करने का प्रयास किया। किसी तरह उन्हें समझा-बुझाकर नीचे उतारा गया। इस दौरान अभ्यर्थी घंटों बवाल करते रहे। किसी तरह महिला पुलिस कर्मियों ने महिलाओं की टांगे खींचकर खदेड़ा तो पुलिस ने अभ्यर्थियों को वॉटर कैनन का प्रयोग कर और लाठी फटकारकर खदेड़ा।
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गौरतलब है कि अपने मांगो को लेकर शनिवार शाम से ही सौ से ज्यादा अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा निदेशालय में जमे हुए हैं। शनिवार देर रात पुलिस ने उन्हें वहां से हटाने का प्रयास किया तो महिलाओं की सुरक्षा का हवाला देकर सुबह तक परिसर खाली करने को कहा। लेकिन सुबह होने पर भी अभ्यर्थी वहां से नहीं हटे। बताते चलें कि प्रदेश भर से आए सैकड़ों अभ्यर्थी गत 28 अगस्त से अपनी मांगों को लेकर राजधानी में डेरा डाले हुए हैं। शनिवार को सुनवाई न होने से नाराज चार अभ्यर्थी एटा के संजय गौतम, सीतापुर के राम कुमार, आगरा के जितेंद्र और इटावा के मोनीष ने गोमती में छलांग लगा दी थी, जिससे वहां पर भगदड़ मच गई थी।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]शिक्षक भर्ती परीक्षा की कापियां जलाई गईं[/penci_blockquote]
मालूम हो कि परीक्षा नियामक कार्यालय में शनिवार को दोपहर बाद 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा की कापियां जला दी गईं। कापियां जलाए जाने की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में परीक्षार्थी मौके पर पहुंच गए। जली कापियों के बीच परीक्षार्थियों को सोनिका देवी की जली ओएमआर शीट भी मिली। सोनिका ने ही हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कापी बदले जाने का आरोप लगाया था। हालांकि, कापियां किसने जलाईं इसका पता नहीं चल सका है। परीक्षार्थियों ने परिसर में शिक्षक भर्ती का ओएमआर जलाने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। उनका कहना था कि अपनी गलती छिपाने के लिए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी लगातार गलती पर गलती करती जा रही हैं।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]निलंबन के बाद भी जरूरी काम निपटाती रही डॉ. सुत्ता सिंह [/penci_blockquote]
वहीं सचिव परीक्षा नियामक डॉ. सुत्ता सिंह निलंबन के बाद भी शनिवार को दिनभर कार्यालय में बैठीं रहीं और जरूरी काम निपटाए। विभाग के कर्मचारियों की मानें तो उन्होंने सबसे पहले कर्मचारियों को कार्यालय से घर भेज दिया। रजिस्ट्रार जीवेंद्र सिंह ऐरी और परीक्षा कराने वाली एजेंसी के कर्मचारियों के साथ मिलकर कुछ जरूरी काम किए। कर्मचारियों के बाहर निकलते ही जैसे ही यह बात परीक्षार्थियों को पता चली उन्होंने परीक्षा नियामक कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा किया। हंगामे के बीच कार्यालय का मुख्य गेट बंद करके सचिव डॉ. सुत्ता सिंह अंदर ही रहीं। इस संबंध में सचिव परीक्षा नियामक से बार-बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं हो सकी।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]शिक्षकों का प्रदर्शन लगातार जारी [/penci_blockquote]
बता दें कि निष्पक्ष तरीके से शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर शिक्षकों का प्रदर्शन लगातार जारी है। 68500 शिक्षक भर्ती की हरी झंडी मिलने के बाद परीक्षा में पास हुए 41556 अभ्यर्थियों की शनिवार से काउंसलिंग शुरू होने थी। लेकिन जो सूची जारी की गई, उसमें 34660 अभ्यर्थियों का ही चयन हुआ। बचे हुए अभ्यर्थियों ने आरक्षण की वजह से नाम हटाने का आरोप लगाते हुए निशातगंज स्थित एससीईआरटी कार्यालय का घेराव कर दिया और जमकर नारेबाजी की। सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों के पहुंचने से पुलिस महकमे में भी हड़कम्प मच गया। जिसके बाद भारी पुलिस बल एससीईआरटी कार्यालय पर तैनात कर दिया गया।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]जनरल कैटेगरी वाले अभ्यार्थी सूची से बाहर[/penci_blockquote]
एससीईआरटी कार्यालय पर प्रदर्शन कर शिक्षक अभ्यर्थियों का आरोप है कि आरक्षण के चलते जनरल कैटेगरी के 5696 अभ्यर्थियों को सूची से हटा दिया गया है। जबकि 68500 अभ्यर्थियों में से 41556 अभ्यर्थी परीक्षा में पास हुए थें। जिन्हें नियुक्ति देने की बात कही गई थी, लेकिन जो सूची जारी की गई है उसमें 34660 अभ्यर्थियों का ही नाम आया है। जिसमें 5696 जनरल कैटेगरी के अभ्यर्थियों को आरक्षण के चलते सूची से बाहर कर दिया गया। अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर एससीईआरटी कार्यालय पर धरना देने पहुंचे थे। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि अगर आज आदेश जारी नहीं किया जाएगा तो वह ऐसे ही धरने पर बैठे रहेंगे।
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