असंतुलित खानपान, तनाव व व्यायाम का अभाव आज की युवा पीढ़ी व खासकर महिलाओं में मोटापे का कारण बन रहा है। वैसे तो सभी को पता है की मोटापा कई बीमारियों का कारण है लेकिन मोटापा में बढ़ी हुई चर्बी के कारण एंस्टोजन हार्मोन का निर्माण जरूरत से ज्यादा होता है जो कि अंडाशय या ओवरी में गांठ बनाने के लिए जिम्मेदार है। पीसीओडी युवतियों व महिलाओं में होने वाली एक ऐसी बीमारी है जिसमें 60 प्रतिशत पीड़ित महिलाओं को इसकी जानकारी ही नहीं होती है। ऐसे में समय से वह इलाज नहीं करा पाती हैं।
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क्या है पीसीओडी
- सुमित्रा अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. तृप्ति बंसल बताती हैं कि पीसीओडी को पॉलिसिस्ट ओवेरियन डिजीज के नाम से जाना जाता है।
- इसमें महिलाओं की ओवरी में गांठें बन जाती हैं। जिसका पता अल्ट्रासाउंड जांच से लग जाता है।
- साथ ही शारीरिक संबंधों के दौरान होने वाले हार्मोन के अंडाशयन में छोटी-छोटी गांठ या सिस्ट बन जाती हैं।
- जिस कारण महिलाओं में मासिक धर्म के साथ प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ता है।
- समय पर यदि इसका पता नहीं चलता तो यह आगे चलकर कैंसर का रूप धारण कर सकता है।
- पीसीओडी की मुख्य वजह महिलाओं में हार्मोन का सामान्य से ज्यादा मात्रा में निर्मित होना है।
- स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. तृप्ति बंसल बताती हैं कि पिछले 10 से 15 वर्षों में महिलाओं में 50 से 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- फास्ट फूड का अधिक सेवन से मोटापा होता है जिससे ओवरी में गांठ बनने की समस्या होती है।
- उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसे रोग भी इसका कारण हो सकते हैं।
- किसी के परिवार में पीसीओडी का इतिहास है तो उन महिलाओं को ज्यादा सतर्क रहना जरूरी है।
- तनाव व समय पर खाना न खाना भी हार्मोन का असंतुलन भी इसके लिए जिम्मेदार है।
- डॉक्टर की दवा को समय से बिना एक भी दिन छोड़े नियमित लेना।
- फैटी या फास्ट फूड आइटम से परहेज करें।तनाव से बचें और योग प्राणायम करें।
- जरूरत पड़ने पर पीसीओडी के उपचार में शल्य क्रिया भी करवाई जा सकती है।
- लैपरोस्कोपिक ओवेरियन ड्रिलिंग कराई जाती है इसमें लेजर से कॉडरी से अंडाशय में छेद किया जाता है।
पीसीओडी के लक्षण
- अनियिमित मासिक धर्म
- चेहरे या शरीर पर अधिक बाल
- मुंहासे
- यौन इच्छा में कमी
- बार-बार गर्भपात
- सिर के बालों का अधिक झड़ना
- त्वचा पर दाग
- अचान से मोटापा बढ़ना