राजधानी के आशियाना स्थित सेक्टर एल में तालाब की जमीन पर अवैध निर्माण को लेकर गुरुवार को एलडीए, नगर निगम व सरोजनी नगर तहसील की संयुक्त टीम ने मौका मुआयना किया।साथ ही जमीन की पैमाइश की। इसकी रिपोर्ट तैयार की गई जिसमें सामने आया है कि वह जमीन तालाब की है। लिहाजा, अब उक्त भूमि पर एलडीए के आवंटियों को हटाना होगा और उन्हें दूसरी जगह समायोजित किया जाएगा। वहीं, इस संबंध में आवंटियों का आरोप है कि उक्त भूमि प्राइम लोकेशन की है। इसलिए एलडीए उक्त जमीन को किसी प्राइवेट बिल्डर को महंगे दामों में बेचना चाह रहा है। इसलिए यह खेल किया जा रहा है। वे बोले, आज से निर्माण फिर से शुरू किया जाएगा। अगर हमें किसी ने रोका तो हम न्यायालय भी जाएंगे।
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संयुक्त टीम ने बनायी रिपोर्ट
- दरअसल, आशियाना के सेक्टर एल स्थित तालाब की जमीन पर हो रहे निर्माण को टीम मौके पर पहुंची।
- टीम में लविप्रा की ओर से अधिशासी अभियंता रोहित खन्ना व तहसीलदार रमाशंकर सहितअन्य लोग भी शामिल थे।
- इस दौरान आवंटियों ने एलडीए अधिकारियों को खरीखोटी सुनाई।
- करीब सुबह 10 बजे मौके पर पहुंची टीम दोपहर तक पैमाइश कर वापस लौट आई।
- इसके बाद नगर निगम कार्यालय में बैठकर टीम ने आंकलन किया।
- इस दौरान यहां आवंटियों की ओर से काम बंद रहा।
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- गुरुवार शाम इस संबंध में रिपोर्ट तैयार कर एलडीए सचिव को सौंप दी गई है।
- एलडीए सचिव जय शंकर दुबे ने बताया कि रिपोर्ट में उक्त जमीन खसरा संख्या 171 की ही है, जो तालाब की जमीन है।
- ऐसी स्थिति में एलडीए को अपने आवंटियों को दूसरे स्थानों पर समायोजित करना पड़ेगा।
- उन्होंने बताया कि इस संबंध में कोर्ट का आदेश है। लिहाजा, कुछ किया नहीं जा सकता।
- वहीं, एलडीए इस बाबत, जिला मजिस्टे्रट व नगर आयुक्त के भेजे गए पत्र का जवाब भी देगा जिसमें इसकी जानकारी प्रदान कर दी जाएगी।
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क्या है पूरा मामला
- आशियाना के सेक्टर एल में एलडीए के दस आवंटियों द्वारा बीते चार दिनों से निर्माण किया जा रहा था।
- इसकी जानकारी होने पर यह जमीन तालाब की है, का खुलासा हुआ।
- नगर आयुक्त ने मौके पर काम रुकवाना चाहा लेकिन आवंटियों ने एलडीए की रजिस्ट्री दिखाकर काम न रोकने को कहा।
- इस पर नगर आयुक्त ने एलडीए को पत्र लिखा।
- इसमें कहा गया है कि ग्राम किला मोह मदी नगर, तहसील सरोजनी नगर की खसरा संख्या 171 जिसका क्षेत्रफल 3.297 हेक्टेयर राजस्व अभिलेखों में तालाब दर्ज है।
- जो नगर निगम की निहित संपत्ति है।
- उक्त खसरा संख्या पर जीतेन्द्र सिंह, अजय अग्रवाल, पूर्णिमा सिंह, अजीत करन व अरविंद दुबे द्वारा अवैध कब्जा किया जा रहा है।
- कब्जेदारों ने बताया कि वह एलडीए के आवंटी हैं। इसलिए एलडीए के निर्देश पर ही कार्य कर रहे हैं।
- आयुक्त ने कहा कि तालाब भूमि पर हो रहे अवैध निर्माण को रोकवाने व तालाब की भूमि को सुरक्षित करने की कार्रवाई करने को कहा।
- इस पत्र के बाद एलडीए के अधिशासी अभियंता रोहित खन्ना भारी पुलिस बल के साथ काम रुकवाने गए।
- बुधवार से काम बंद है। गुरुवार को तीन विभाग की संयुक्त टीम ने रिपोर्ट बना दी। इसमें जमीन तालाब की निकली है।
आवंटी बोले, बिल्डर को बेंच देंगे जमीन
- आवंटियों ने कहना है कि उन्हें भूखंड सं या १/२२१ से १/२३८ तक एलडीए द्वारा स्वीकृत मैप बनाकर विभिन्न आवंटियों को आवंटित कर रजिस्ट्री कर दिया गया।
- कब्जा एलडीए सचिव की स्वीकृति पर हम कब्जा ले रहे हैं तो हमें भूमाफिया बताया जा रहा है।
- वे बोले, ये सब कुछ उक्त जमीन को किसी बिल्डर को बेंचने के लिए किया जा रहा है।
- उन्होंने कहा कि यह जमीन खजाना मार्केट के बेहद निकट है। लिहाजा, प्राइम लोकेशन है।
- अब इस पर अधिकारी आंखें गड़ाए हुए हैं। लिहाजा, यह सब हो रहा है।
- उन्होंने कहा कि अगर ऐसा था तो एलडीए पहले सोता रहा। वे बोले, हम लोग खसरा सं या १२ में है न कि १७१ में।
निर्माण को लेकर हो सकता है बवाल
- आवंटियों ने खुली चुनौती देते हुए कहा है कि अधिकारियों के कहने पर दो दिन काम बंद कर दिया गया है।
- अब शुक्रवार से फिर से काम शुरू होगा, देखते हैं कौन आएगा हमें रोकने।
- अगर, रोका गया तो हम धरना देंगे। अगर अधिकारी फिर भी नहीं माने तो मामला न्यायालय में ले जाया जाएगा।
- गौरतलब हो, इन आवंटियों में भाजपा के एक विधायक का भी प्लाट है।
- वहीं, आवंटी द्वारा दबंगई भी दिखायी जा रही है।
- एलडी सचिव जय शंकर दुबे ने कहा कि रिपोर्ट मेरे पास आ गई है। जमीन तालाब की ही है।
- इसलिए आवंटियों को समायोजित किया जाएगा लेकिन यह जमीन किसी बिल्डर को बेची जाएगी, यह आरोप सही नहीं।