देश में रहने वाले लाखों गरीब बच्‍चों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने को लेकर राज्‍य और केन्‍द्र सरकार तमाम वादे करती है लेकिन क्‍या उन वादों को हकीकत बनाने के लिए कोई प्रयास किया जाता है। देश में प्राइमरी स्‍कूलों की जो हालत है वो किसी से छिपी हुई नही है। यहां लगातार बच्‍चों के भविष्‍य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। प्राइमरी स्‍कूलों की क्‍या स्थिति है इसका अन्‍दाजा मथुरा के एक प्राइमरी स्‍कूल की तस्‍वीरों को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है।

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मथुरा के इस प्राइमरी स्‍कूल में अध्‍यापक बच्‍चों को पढ़ानेे के बजाय उनसे स्‍कूल में सफाई करवा रहे है। ये बच्‍चें अपने धर से इस उम्‍मीद के साथ स्‍कूल आते है कि वहां उन्‍हें कुछ सीखने का मौका मिलेगा लेकिन यहां तो उनसे बाल मजदूरी जैसा काम करवाया जा रहा है।

ये बच्‍चे स्‍कूल में सिर्फ झाडू ही नही लगाते बल्कि अपने नन्‍हें नन्‍हें और कोमल हाथों से खुरदुरी कुर्सिया और मेंज भी उठाते हुए इन तस्‍वीरों में देखे जा रहे है।मथुरा ब्लॉक के रिफायनरी क्षेत्र अगनपुरा के प्राइमरी स्कूल में जब बच्चे स्कूल पहुंचे तो अध्यापकों ने बच्चों से स्कूल की सफाई करवानी शुरु कर दी।

आपको बताते चले कि जब इस मामले पर बीएसए मथुरा राजीव कुमार से बात की गई तो उहोंने बताया कि ये मामला अब उनके संज्ञान में आ गया है बीडीओ के माध्यम से नोटिस देकर हेडमास्टर के खिलाफ जरूरी और सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

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