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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 15 अगस्त 2014 को दिल्ली के लालकिले से ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना‘ का शुभारम्भ किया था। इसमें केंद्र सरकार के हर सांसद को अपने संसदीय क्षेत्र का एक गांव गोद लेने की योजना थी। इसके अंतर्गत लखनऊ के सांसद व गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश के बंथरा में ‘बेती गांव‘ को गोद लिया था। मगर आज उस योजना के लगभग 2 साल पूरे होने वाले है और गृहमंत्री के गोद लिए गाँव की हालत जस की तस बदतर बनी हुई है।

पहले जैसे ही है हालात :

  • जब गाँव के लोगो से बात की गयी तो पता चला कि गांव गोद लेने के बाद से आज तक गृहमंत्री राजनाथ सिंह कभी गांव नहीं गए है।
  • इसके अलावा गाँव में पहले जो समस्याएं जैसी बनी हुई थीं, वे सभी आज तक जस की तस हैं।
  • चाहे वहाँ की नालियां हो या खराब सड़कें, सब कुछ पहले जैसा ही है।
  • इसके साथ ही गाँव से 10 किलोमीटर की दूरी तक कोई भी अस्पताल नहीं है। 
  • गाँव में खेतों की सिंचाई के लिए भी कोई भी सरकारी ट्यूबवेल का इंतज़ाम नहीं है। 
  • गाँव में लगातार आ रहे गंदे पानी के निकासी के लिए भी कोई साधन उपलब्ध नहीं हैं। 
  • एक भी सफाई कर्मचारी की नियुक्ति आज तक गाँव में नही की गयी है।
  • सरकार द्वारा बनवाए गए शौचालय भी टूटे फूटे पड़े हुए है।
  • गाँव के ज्यादातर लोगो को तो ये भी नहीं पता की गृहमंत्री ने उनके गाँव को गोद भी लिया है।
  • न ही उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा चलाई गयी `आदर्श सांसद ग्राम योजना` की जानकारी है।
  • गाँव में न तो शिक्षा की कोई व्यवस्था है न ही बाहर जाकर पढने की।

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सरकार से लोगों का उठता विश्वास :

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लागू की गयी सांसद आदर्श ग्राम योजना से यहाँ के ग्रामीणों का विश्वास उठने लगा है।
  • लोग बताते है कि गृहमंत्री जी के हमारे गाँव गोद लेने की बात सभी की खुशी का ठिकाना नहीं था।
  • सभी को लगने लगा था कि अब हमारे भी अच्छे दिन आ गए है।
  • बैंक खुलने पर वे खुद उद्घाटन करने आए थे और बोले थे कि आप भी यहाँ खाते खुलवा कर सरकार की योजनाओं से जुड़े।
  • मगर अब वे ही कहते है कि अगर गृहमंत्री जी हमें झूठे सपने ना दिखाते तो अच्छा होता।
  • गाँव के लोग कहते है कि जब मंत्री जी गोद लिए गाँव को संभाल पाने में सफल नहीं तो प्रदेश कैसे संभालेंगे।
  • अगर योजना के आधारभूत जरूरतों पर गौर करे तो आदर्श गांव योजना में गाँव को बुनियादी सुविधाओं से परिपूर्ण होना चाहिए।
  • साथ ही दूसरे गाँव भी इस गाँव को देखकर निरंतर विकास की प्रेरणा ले।
  • पेयजल, बिजली, साफ़ सफाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा की उत्तम सुविधा होनी चाहिए।
  • मगर बड़ा दुःख है कि योजना के तकरीबन तीन साल पूरे होने के बाद भी इनमें से कोई भी सुविधा ज्यादातर गांवों तक नहीं पहुंच सकी है।

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