उत्तर प्रदेश के चर्चित ‘गेस्ट हाउस कांड’ के मामले में देश की सर्वोच्च न्यायालय में बुधवार को सुनवाई होनी है।
1995 के कांड पर आज अंतिम सुनवाई:
- उत्तर प्रदेश के चर्चित गेस्ट हाउस कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज अंतिम सुनवाई होनी है।
- जिसके तहत आज निर्णायक फैसला आ सकता है।
- गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश का चर्चित गेस्ट हाउस कांड पर 21 साल बाद फैसला आएगा।
- मामले में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, आजम खान और बेनीप्रसाद वर्मा के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया था।
- बसपा सुप्रीमो मायावती ने गेस्ट हाउस कांड में सपा नेताओं पर जानलेवा हमला करने का केस दर्ज कराया था।
क्या हुआ था 2 जून 1995 की रात को?
- 2 जून 1995 को उत्तर प्रदेश की राजनीति में ‘काला दिन’ भी कहा जा सकता है।
- बसपा सुप्रीमो मायावती स्वयं खुद उस रात को नहीं भूल सकती हैं, जिसके जिक्र वो अक्सर किया करती हैं।
- 2 जून 1995 एक दलित नेता को सबक सिखाने के लिए सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की उन्मादी भीड़ राज्य अतिथि गृह पहुंची थी।
- हालाँकि, इस दौरान गेस्ट हाउस में अन्दर क्या हुआ किसी को जानकारी नहीं है।
- लेकिन मायावती के जीवन पर आधारित अजय बोस की किताब ‘बहनजी’ से इस विषय पर जानकारी मिल सकती है।
- गौरतलब है कि, 1993 के चुनाव में सपा और बसपा के बीच गठबंधन की सरकार बनी थी।
- जिसके बाद चुनाव जीतने पर मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बनें।
- वहीँ बसपा सुप्रीमो ने आपसी मनमुटाव के चलते सपा से गठबंधन तोड़ लिया।
- जिसके चलते सपा सरकार अल्पमत में आ गयी।
- सूबे में अपनी सरकार बचाने की बौखलाहट में सपा प्रमुख के नेतृत्व में सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राज्य अतिथि गृह पर धावा बोल दिया।
- मायावती उस दिन राज्य अतिथि गृह के कमरा नंबर-1 में ठहरी हुई थीं।
भाजपा विधायक ब्रम्ह्दत्त द्विवेदी ने बचायी थी मायावती की जान:
- 2 जून, 1995 को जब सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मायावती पर हमला बोला था।
- तब भाजपा विधायक ब्रम्ह्दत्त ने बसपा सुप्रीमो की लाज और जान बचायी थी।
- खुद बसपा सुप्रीमो ने ये कई बार ये कहा था कि, जब उनके पार्टी के लोग डरकर भाग गए थे तब भाई ब्रम्ह्दत्त ने मेरी जान बचायी थी।