देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने भले ही कालेधन के खिलाफ मुहिम छेड़ कर उन लोगों की नाक में नकेल डालनें का प्रयास किया है जो सरकारी खजानें में जमा होनें वाली रकम से अपनी तिजोरियां भर रहे थे। लेकिन यूपी के अमेठी में मौजूदा हालात के मद्देनजर आम जनता के बीच चल रही कैश की किल्लत को लेकर भारी नाराजगी देखने को मिल रही है। नतीजन अमेठी की जनता राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम तक करने पर मजबूर हो रही है।
देखिये एक्सक्लूसिव तस्वीरें:
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बैंक कर्मचारियों पर कमीशनखोरी का आरोप
- अपना पैसा लेने के लिए लंबी लाइनों में लगे लोगों ने आरोप लगाया है कि बैंक के अधिकारी व कर्मचारी सुविधाशुल्क और कमीशन का चश्मा पहन रसूखदारों और प्रभावशाली लोगों को बिना लाइन में लगे ही नोट दे रहे हैं।
- इस बात से आक्रोशित लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 56 को जाम कर बैंक ऑफ बड़ौदा अलीगंज शाखा के ग्राहकों ने बैंक पर गंभीर आरोप लगाते हुए सड़क जाम कर हंगामा किया।
- आरोप है ग्राहकों को पैसे न मिलकर रसूखदारों के बैंक पहुंचने के बाद शाखा प्रबन्धक न सिर्फ उनकी आवभगत करतें हैं बल्कि उनके हजारों रूपये बिना किसी हिचक के बदल भी रहें हैं।
- यह सब देखकर आम खाताधारक का कलेजा बाहर आ जा रहा है।
ग्राहक कई दिनों से लगा रहे चक्कर
- एक ओर जहां लोग पैसे के लिए कई दिनों से बैंक के चक्कर लगा रहें हैं।
- फिर भी उन्हें उनका बैंक में जमा पैसा नहीं मिल रहा है वहीं दूसरी ओर रसूखदारों की चांदी है।
- इस मामलें में एक बार फिर एक अहम सवाल खड़ा हो गया है, कि क्या प्रधानमंत्री मोदी की नोटबंदी जैसी महत्वाकांक्षी योजना को बैंक और अन्य सरकारी कर्मचारी पलीता लगाने में जुटे हुए हैं?
- मौजूदा हालात में यह सवाल इसलिए और अधिक महत्वपूर्ण है जब आम आदमी घंटों लाइन में लगकर बैंक से बामशक्कत महज दो से ढाई हजार रुपये का ही इंतजाम कर पा रहा है वहीं दूसरी तरफ रसूखदारों को मन माफिक नोट मिल रही हैं।
- इस पूरे घटना क्रम में सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि क्या बैंक और सरकारी कर्मचारियों के मिलीभगत के बिना ये सम्भव हो सकता है?
- ऐसे माहौल में अहम सवाल ये भी खड़ा हो गया है कि क्या नोट बंदी की व्यवस्था में हो चुके इस बड़े छेद के बीच प्रधानमंत्री मोदी की यह महत्वाकांक्षी योजना सफल हो पाएगी?
- लेकिन इन सवालों के जवाब देने वाला कोई नजर नहीं आ रहा।