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उन्नाव रेप केस: कांग्रेस के प्रदर्शन में दिखा पोस्टर वार, पुलिस से झड़प

Congress protest against Unnao Rape Case

Congress protest against Unnao Rape Case

उन्नाव रेप केस में भाजपा विधायक को बचाने में जुटी उत्तर प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कांग्रेस के नेताओं ने लखनऊ में जोरदार प्रदर्शन किया। विधानसभा का घेराव करने जा रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने कार्यालय से बाहर बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग पर चढ़कर हंगामा किया साथ ही सरकार विरोधी नारे लगाए। इस बीच पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई। घंटों चले हंगामे के दौरान पुलिस बैकफुट पर नजर आई। प्रदर्शनकारियों ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस जैसे ही कांग्रेसियों को गिरफ्तार करने के लिए बस लेकर गई लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से हाथापाई की। आखिरकार काफी देर बाद पुलिस ने कांग्रेसियों को गिरफ्तार कर लिया।

तरह-तरह के पोस्टरों पर लिखे थे कई स्लोगन

कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं के हाथों में तरह-तरह के पोस्टर चर्चा का विषय बने रहे। लोगों के हाथों में “बीजेपी तेरे जमाने में, रेप हो गया थाने में”, “बेटी बचाओ-बीजेपी भगाओ”, “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ इनका नारा था, बेटियों का शोषण इनका इरादा था”, “वाह रे योगी राम ने खाये शबरी के जूठे बेर, तेरे विधायक करें अबला का रेप” जैसे भड़काऊ स्लोगन लिखी तख्तियां थीं। प्रदर्शन में ये तख्तियां और पोस्टर चर्चा का विषय बनी रहीं।

महिलाओं ने पुलिस को चूड़ियां पहन लेने की दी सलाह

महिला कांग्रेस ने राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता दवे और पूर्व सांसद अनु टंडन की अगुवाई में गुरुवार को लखनऊ में योगी सरकार और पुलिस को घेरा। सड़क पर उतरी महिला कांग्रेस की पदाधिकारी और कार्यकर्ता महिला कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता केकेसी रोड पर स्थित कार्यालय से सीएम आवास के लिए रवाना हुईं। जुलूस में शामिल कांग्रेस पार्टी की महिलाओं ने सरकार के खिलाफ नारे और आरोपी विधायक को जल्द गिरफ्तार करने की मांग को लेकर सभी ने खूब नारेबाजी की।

महिला कांग्रेस ने पुलिस की भी भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन पर आरोप लगाए। बोलीं कि पुलिस की लापरवाही के कारण ही पीड़िता के पिता की जान गई। जुलूस जब माल एवेन्यू के पास पहुंचा तभी पुलिस ने बैरियर लगाकर इन्हें रोक लिया। महिला पदाधिकारियों ने पुलिसकर्मियों को चूड़ियां देकर अपना विरोध जतया। इस दौरान करीब आधे से पौन घंटे तक पुलिसकर्मियों से इनकी नोकझोंक हुई। गिरफ़्तारी के दौरान कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने पुलिस के आगे चूड़ियां फेंककर अपना विरोध जताया इसके बाद पुलिस सभी को गिरफ्तार कर कैंट थाने ले गई।

रेप का आरोपी विधायक हुआ अंडरग्राउंड

बता दें कि उन्नाव के बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म सहित अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। इसके बाद प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार और डीजीपी ओपी सिंह ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता की। डीजीपी ने जानकारी देते हुए बताया कि विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ माखी थाने में आईपीसी की धारा 336, 366, 376, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने गुरुवार को यहां बताया कि उन्नाव दुष्कर्म मामले के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को यूपी पुलिस गिरफ्तार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सुपुर्द करने का फैसला लिया है। ऐसे में अब सीबीआई चाहे तो आरोपी विधायक को गिरफ्तार कर सकती है। अब विधायक केस दर्ज होने के बाद अंडरग्राउंड हो गया है। उधर पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही पर सीएमएस डॉ. डीके द्विवेदी व ईएमओ डॉ. प्रशांत उपाध्याय को निलंबित किया गया है। डॉ. मनोज, डॉ. जीपी सचान और डॉ. गौरव अग्रवाल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।

योगी सरकार ने विधायक को बचाने के लिए खेल दिया बड़ा गेम

विधायक की गिरफ्तारी से बचने के लिए योगी सरकार ने बड़ा गेम खेल दिया। विधायक की गिरफ़्तारी पर डीजीपी ओपी सिंह और प्रमुख सचिव अरविंद कुमार ने पत्रकारों से बताया कि भाजपा विधायक अभी आरोपी नहीं हैं, मामले की सीबीआई को जांच सौंप दी गई है। गिरफ्तारी की सुगबुगाहट के चलते भाजपा विधायक की पत्नी की पहले से ही तबियत बिगड़ गई और उन्हें मेव हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। भाजपा विधायक की गिरफ़्तारी ना होने के बाद विपक्षियों ने सरकार को आड़े हाथो लिया और कांग्रेस ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया।

बता दें कि मुख्यमंत्री ने मंगलवार को 24 घंटे के भीतर एसआईटी की रिपोर्ट तलब की थी। पीड़िता के पिता की हत्या की जांच भी सीबीआई करेगी। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद पुलिस ने 11 अप्रैल को देर रात विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। मामले में लापरवाही बरतने के लिए एक पुलिस क्षेत्रधिकारी व दो डाक्टरों को भी निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले पूरे मामले की जांच के लिए उन्नाव गई एसआईटी की टीम ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय में दी थी। सरकार ने कार्रवाई का यह फैसला एसआईटी के साथ ही डीआईजी जेल और डीएम उन्नाव की अलग-अलग जांच रिपोर्ट के आधार पर देर रात किया। इसके बाद पीड़ित परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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