लखनऊ के बाद अब बरेली की सड़कों पर आलू फेंके जाने का मामला सामने आय़ा है। सैकड़ो कुंतल आलू, सिचाई मंत्री धर्मपाल सिंह की विधानसभा आंवला में फेंके गए, 10 ट्रक आलू, सड़को पर दूर-दूर तक फैला हुआ है आलू किसान सरकार से नाराज हैं। कोल्ड स्टोर में रखने के लिए किसानों के पास पैसा नहीं है। किसानों को बाजार में उचित दाम नही मिल रहे है। इसलिए किसान परेशान होकर आलू सड़कों पर फेंक कर किसान विरोध जताया।
सरकार ने नाराज है प्रदेश के आलू किसान
योगी सरकार के विरोध में किसानों की नाराजगी अब सड़क से लेकर विधानसभा के बाहर तक पहुंच चुकी है।
आलू किसानों का आक्रोश सड़कों पर फूट पड़ा है। बीते दिनों रात को ही किसानों ने सड़कों पर आलू फेंक कर विरोध जताया था। नाराज किसानों ने सीएम आवास सहित यूपी विधानसभा के बाहर कम कीमतों के विरोध में आलू फेंककर धरना प्रदर्शन किया था।
नाराज किसानों ने रात भर यूपी विधानसभा के बाहर सड़कों पर आलू फेंका।
सुबह के समय विधानसभा के बाहर सिर्फ आलू ही आलू नजर आ रहे थे।
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बता दें कि सिर्फ लखनऊ ही नहीं, आलू किसानों ने पूरे यूपी में विरोध-प्रदर्शन करना शुरू कर दिया हैं।
इससे पहले दिसंबर महीने में आगरा में भी किसानों ने पुराने आलू फेंककर प्रदर्शन किया था।
आगरा जिले में आलू की कीमतें 20 पैसे प्रति किलो तक पहुंचने से किसान बेहद हताश परेशान नजर आए।
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कोल्ड स्टोर में रखने के लिए नहीं है किसानों के पास पैसा
दरअसल पिछले साल आलू की बंपर पैदावार होने की वजह से किसानों ने आलू कोल्ड स्टोरेज में रखवा दिया था
लेकिन पुराने आलू की तरफ लोगों का रुख कम होने से लोग इन्हें खरीदने से कतरा रहे हैं
और स्टोरेज मालिकों के पास इसे फेंकने के अलावा कोई चारा नहीं बचा।
प्याज और टमाटर के बढ़ते दामों के बीच आलू किसानों के लिए सरकार की तरफ से कोई भी घोषणा नहीं की गई है।
किसानों का कहना है कि हमारी मांगे पूरी की जाएं नहीं तो इसी तरह आलू फेंकते रहेंगे और प्रदर्शन करते रहेंगे।
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