प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सपना दिखाकर कुछ छोटे-मोटे बिल्डरों ने यूपी के कई शहरों में अपना प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है। इसकी बानगी आप को राजधानी लखनऊ में भी देखने को मिल जायेगी। यहां इन बिल्डरों ने अपने होर्डिंग तो लगवाये ही हैं, बल्कि शहर में छोटा हाथी (पिकअप डाला) पर भी होर्डिंग लगाकर घुमा रहे हैं। इन होर्डिंग में वाकायदा पीएम नरेंद्र मोदी की फोटो लगाकर प्रचार किया जा रहा है।
अभी प्रस्तावित प्रॉजेक्ट पर ही रजिस्ट्रेशन शुरू
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास देने का दावा ठोंकते हुए घूम रहे इस पिकअप वाहन पर हमारी नजर पड़ी।
- हमारे संवाददाता ने इस तस्वीर को अपने कैमरे में कैद किया और इसकी छानबीन करने के लिए होर्डिंग पर दिए गए नंबर पर बात की।
- पाइप बनाने का काम करने वाली गुजरात की एक कंपनी एस्ट्रलसिलवासा टाउनशिप प्रा.लि. बंथरा इलाके के आगे उन्नाव नबावगंज पक्षी बिहार के पास टाउनशिप बना रही है।
- इसमें प्रधानमंत्री योजना के तहत दो टॉवर ‘प्रश्रय’ और ‘निलय’ प्रस्तावित हैं।
- इनके लिए रजिस्ट्रेशन करवाया जा रहा है। कंपनी का यह भी कहना है कि अगर लखनऊ प्रधानमंत्री की योजना की लिस्ट में शामिल होगा तो यह फ्लैट लिए जा सकते हैं।
- अब सवाल यह उठता है कहीं यह छोटे बिल्डर प्रधानमंत्री की फोटो लगाकर लोगों को गुमराह कर ठगने का प्रयास तो नहीं कर रहे हैं।
लकी ड्रॉ से होगा चयन
- बातचीत के दौरान पहले तो एक मैडम ने बात की उन्होंने अपना नाम नहीं बताया।
- संवाददाता ने एक ग्राहक बनकर बात की और मैडम से सवाल किये तो वह सवालों में फंस गईं।
- इसके बाद उन्होंने किसी व्यक्ति से बॉस कहकर बात करवाई।
- उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि 11000 हजार रुपये देकर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
- इसके बाद आवंटन लकी ड्रॉ के आधार पर होगा।
- जब हमने सवाल किया कि रजिस्ट्रेशन के बाद भी आवास मिलने की गारंटी नहीं?
- तो जानकारी दे रहा व्यक्ति अपनी ही बातों में फंस गया।
- फ्लैट देने का दावा अभी सिर्फ दिखावा ही साबित हो रहा है।
- जब हमने पूछा कि साईट बनकर तैयार हो गई?
- तो जबाव मिला की अभी काम शुरू होना है दावा किया गया कि दिसंबर में चाभी मिल जायेगी।
- लेकिन कर्मचारियों की बातों से तो यही लगा कि कुछ तो गोलमाल है।
यह है प्रधानमंत्री योजना
- प्रधानमंत्री आवास योजना एक व्यापक मिशन ‘2022’ तक सबके आवास हो इसके लिए शुरू की गई है।
- इसकी शुरुआत 25 जून 2015 को पीएम ने की थी।
- इस योजना में लाभार्थी पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे शामिल होंगे।
- इस योजना के तहत लाभार्थी परिवार के पास या तो उसके नाम से अथवा उसके परिवार के किसी सदस्य के नाम से भारत के किसी भी भाग में पक्का मकान नहीं होना चाहिए।
- इस योजना में 2011 की जनगणना के अनुसार सभी 4041 सांविधिक शहरों को तीन चरणों में कवर किया जाएगा।
- पहले चरण में 100 शहरों को, दूसरे चरण में 200 शहरों को, तीसरे चरण में अप्रैल 2019 से मार्च 2022 तक सभी अन्य शेष शहरों को कवर कर लिया जायेगा।