फर्रुखाबाद के लोहिया अस्पताल (farrukhabad ram manohar lohiya) में बीते एक महीने से लगातार बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. हैरानी की बात ये है कि इन बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई है, इसकी पुष्टि डीएम की रिपोर्ट में हुई है. रिपोर्ट के बाद हड़कंप मच गया. जबकि इस मामले में CMO-CMS और डॉक्टरों पर FIR दर्ज भी हुई. हालाँकि सरकार ने अभी तक इसे ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत नहीं माना है. पूरे मामले में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य का बयान है.
मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट गलत: प्रशांत त्रिवेदी
- प्रशांत त्रिवेदी ने कहा कि फर्रुखाबाद मामले में स्वास्थ्य निदेशक के अंडर में एक टीम गठित की जा रही है.
- वो तुरंत रवाना होगी और अपनी जांच रिपोर्ट सौपेंगी.
- इसके बाद कार्यवाही की जाएगी संवादहीनता के चलते ये कमी हुई है.
- इसी कारण से उनको तत्काल रूप से हटाया जा रहा है.
- जिला मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट गलत है ऑक्सीजन की उपलब्धता की कोई कमी नही है.
- आक्सीजन की वजह से मौत की खबर और जांच गलत है.
https://youtu.be/IlEFnu0dOmk
प्रशांत द्विवेदी ने ऑक्सीजन की कमी की बात नकारी:
- उन्होंने कहा कि 3 अधिकारियों को हटाया गया है ताकि जांच सही से हो सके.
- आपसी तालमेल की कमी से ऐसे रिपोर्ट सामने आई है.
- प्रसव के लिए 461 महिलाएं एडमिट की गईं.
- जिनके द्वारा 468 बच्चों को जन्म दिया गया.
- इनमें 19 बच्चे स्टिलबाॅर्न (पैदा होते ही मृत्यु हो जाना) थे.
- शेष 449 बच्चों में से जन्म के समय 66 क्रिटिकल बच्चों को न्यू बाॅर्न केयर यूनिट में भर्ती कराया गया.
- 9 स्टिलबाॅर्न बच्चे भी हैं.
- पूरे मामले में FIR दर्ज हो गई है.
आपसी तालमेल का था अभाव:
- उन्होंने कहा कि प्रशासन में आपस ले तालमेल की कमी दिखी इसको शासन ने गंभीरता से लिया.
- सीएमओ और सीएमएस को स्थानीय प्रशासन से तालमेल रखना चाहिए.
- इसी वजह से दोनों को हटाया गया है.
- फोन पर बात कर जांच की गई, सिटी मजिस्ट्रेट की जांच फैक्चुअल नही है.
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Kamal Tiwari
Journalist @weuttarpradesh cover political happenings, administrative activities. Blogger, book reader, cricket Lover. Team work makes the dream work.