उत्तर प्रदेश के देवरिया में नारी संरक्षण गृह में घिनौना कृत्य सामने आने के बाद शासन की सख्ती का असर दिखने लगा है। जिलाधिकारी ने बुधवार को दो महिला आश्रय गृहों पर छापेमारी की तो हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी पहले मैकसन ग्रामोद्योग समिति द्वारा संचालित महिला आश्रय गृह अचलपुर में पहंचे। यहां पंजीकृत 15 महिलाओं में से एक भी महिला उपस्थित नहीं मिली। यहां महिलाओं की आश्रित तीन बालिकाएं मिलीं। जिलाधिकारी शंभुकुमार ने बताया कि इन दोनों महिला आश्रय गृहों पर रात में महिला अधिकारियों की टीम निरीक्षण करेगी। उनकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
एडीएम मनोज कुमार ने बताया कि इनके आकस्मिक निरीक्षण के लिए टीमें गठित कर ली गई हैं। कस्तूरबा गांधी विद्यालयों की संयुक्त जांच के लिए संबंधित एसडीएम व बाल विकास परियोजना अधिकारी को नामित किया गया है। जिले में चल रहे बाल-बालिका बाल गृहों पर भी प्रशासन की नजर है। जिलाधिकारी ने संस्था की अधीक्षक नेहा प्रवीन से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि महिलाएं मेहनत-मजदूरी करने बाहर गई हैं, शाम तक आ जाएंगी। अधीक्षक एकाउंट रजिस्टर भी नहीं दिखा सकीं।
काउंसलर साजिदा महिलाओं के भोजन व्यवस्था के बारे में सटीक जानकारी नहीं दे सकीं। साथ ही आश्रय गृह में सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा था। इन कमियों पर डीएम ने नाराजगी व्यक्त की व जांच के लिए समिति बनाने को कहा। यहां से निकले डीएम स्वाधार गृह जागृति अष्टभुजा नगर महिला आश्रय गृह पहुंचे। वहां रजिस्टर में 16 महिलाओं के नाम थे, पर मौके पर केवल एक मिली। अन्य के बारे में प्रबंधक रमा मिश्रा ने बताया गया कि वह अपने निजी कार्य से बाहर गई हैं। इस पर डीएम ने नाराजगी व्यक्त की। कहा कि कौन कहां गया है, इसे रजिस्टर में दर्ज होना चाहिए। आश्रय गृह में निवास करने वाली नारियों की फोटो रजिस्टर पर चस्पा होनी चाहिए। यहां भी सीसीटीवी कैमरा नहीं मिला। इस पर डीएम ने इसकी जांच भी समिति द्वारा कराने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान तहसीलदार न्यायिक श्रद्धा पांडेय भी रहीं।