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प्रयागराज : नंद गोपाल गुप्ता और मेयर अभिलाषा गुप्ता हिरासत में लिए गए

उत्तर प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता और महापौर अभिलाषा गुप्ता को 2012 में आचार संहिता उल्लंघन के मामले में हिरासत में लिया गया है। दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इन दोनों के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन मामले में पिछले वर्षों गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। बता दें कि मंत्री पति और मेयर पत्नी को वर्ष 2014 में गिरफ्तार भी किया जा चुका है। उस वक्त इन दोनों पर पूर्व ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्रा के घर बम से हमला कराने की साजिश करने का आरोप लगा था। हिरासत में लिए जाने की खबर मिलते ही उनके आस-पास समर्थकों की भीड़ जमा हो गई। समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी का विरोध भी किया।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]मंत्री पर हो चुका जानलेवा हमला[/penci_blockquote]
व्यापारी से राजनीतिक बने नंद गोपाल नंदी पिछली मायावती सरकार में पहली बार विधायक बने थे। मायावती ने उन्हें पहली बार विधायक बनने के बावजूद कैबिनेट मंत्री बना दिया था। नंदी के तेजी से बढ़ते पॉलिटिकल ग्राफ के चलते सूबे में उनके कई राजनीतिक प्रतिद्वंदी भी पैदा हो गए। मंत्री पद के दौरान ही 2010 में उनपर आरडीएक्स से हमला हुआ जिसमें मौके पर ही तीन लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद चुनाव आचार संहिता उल्लंघन से पहले भी नंदी पर आरोप है। इसके अलावा पूर्व ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्रा के घर पर हुए बम हमले में भी नंदी पर साजिश रचने का आरोप है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]बिना अनुमति वाहन जुलूस निकालने का आरोप[/penci_blockquote]
23 जून 2012 को नगर निगम चुनाव के दौरान पूर्व मंत्री नंदी और उनकी पत्नी अभिलाषा ने बिना अनुमति वाहन जुलूस निकाला। पुलिस ने अभिलाषा, नंदी, गौरव, मुकेश पांडेय, जिम्मी मेहता सहित कई लोगों के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 188, 178, 133 के तहत मुकदमा कायम किया।
31 अगस्त 2012 को इस मामले में पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया।
11 दिसंबर 2012 को अदालत ने इस पर संज्ञान लेते हुए अभियुक्तों को तलब किया पर कोई हाजिर नहीं हुआ। मुकेश पांडेय और जिम्मी मेहता पहले ही अपनी जमानत करा चुके हैं।
11 जुलाई 2013 को शेष अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया गया। कोई भी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ। फिर न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने गैरजमानती वारंट जारी कर दिया। मामले के सुनवाई की अगली तारीख 27 मार्च तय की गई थी।

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