यूपी के हरदोई जिला महिला अस्पताल में भोर से अल्ट्रासाउंड के लिए आईं दूर-दूर से महिलाओं का धैर्य अस्पताल खुलने के बाद भी जवाब दे रहा है। अल्ट्रासाउंड कक्ष का ताला तो रोजाना खुल रहा है लेकिन जुलाई से ट्रांसफर पर गए डॉक्टरों की जगह कोई न्युक्ति ना होने से गर्भवती महिलाएं परेशान हो रही हैं। यहां के हालात ये हैं कि पुरूष चिकित्सालय के भी रेडियोलॉजिस्ट स्थानांतरण हो गया। इस मामले में विभाग के द्वारा कई बाद डीजी को पत्र लिखने के बाद भी कोई चिकित्सक न्युक्त नहीं किया गया। महिला व पुरुष अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन धूल फांक रही है।

निराश होकर लौट रहीं गर्भवती महिलाएं

  • जिला अस्पताल में तमाम महिला मरीजों और तीमारदार रोजाना निराश हो रहे हैं।
  • ज्यादातर प्रसूता महिलाएं, जिनकी तकलीफ देख हर कोई उनके साथ खड़ा होने लगता है।
  • मशीने ख़राब होने से हालात विस्फोटक हो रहे हैं लेकिन जिम्मेदारों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
  • इसके चलते कई मरीजों कोरोजाना बैरंग लौटना पड़ रहा है।
  • बता दें कि जिला महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड होता है, जबकि निजी जांच केंद्रों पर पांच सौ से एक हजार रुपये लगते हैं।
  • तीन माह से लेकर आखिरी माह तक में बच्चे की स्थिति जानने के लिए डॉक्टर को तैनात किया जाता है लेकिन यहां दो डाक्टर ही नदारद हैं तो अल्ट्रासाउंड कौन करे।
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