उत्तर प्रदेश की सत्तासीन समाजवादी पार्टी में उपजे सियासी संकट से अब प्रदेश की सियासत अछूती नहीं रही है। ताजा हालातों पर नजर डालें तो 14 साल बाद एक बार फिर उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन के हालात बन रहें है। पारिवारिक महाभारत के चलते पूरी समाजवादी पार्टी दो गुटों में बंट गयी है। सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव भी परिवार की कलह को थामने में नाकाम रहें हैं। अब लड़ाई आर-पार की हो चली है। ऐसे में पूरी संभावना है कि प्रदेश की सपा सरकार जल्द ही भंग हो सकती है।
- मुलायम कुनबे में शुरू हुई सियासी महाभारत ने यूपी की सियासत में भूचाल ला दिया है।
- ताजा हालातों पर नजर डाले तो उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है।
- शिवपाल यादव की मंत्रिमंडल से बर्ख़ास्तगी के बाद अखिलेश सरकार पर भी संकट के बादल मंडरा रहें हैं।
- सूत्रों की माने तो, अखिलेश सरकार को मुख्यमंत्री के पद से अपदस्थ करने के लिये समाजवादी पार्टी राज्यपाल को चिट्ठी लिख सकती है।
- शिवपाल खेमें का मानना है कि मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए अखिलेश यादव बड़ा दांव खेल सकते हैं।
- इस लिए समाजवादी पार्टी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सीएम पद से हटाने की कोशिश करेगी।
- वहीं कयास यह भी लगाये जा रहें हैं कि अखिलेश यादव राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं।
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