एक तरफ सरकार बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओ का नारा बुलंद कर रही है, वहीं उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर नगर स्थित एक विद्यालय में पढ़ने वाले एक ही परिवार के चार बच्चों को परीक्षा देने से रोक दिया। परीक्षा के दौरान विद्यालय से भगाये जाने के कारण से बच्चें परेशान है। प्रबंधक की मनमानी और दबंगई से परेशान बच्चों के अभिभावकों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। मामला बच्चों के पिता द्वारा अपनी जमीन पर प्रबंधक द्वारा कब्जे के प्रयास का विरोध करना बताया गया। बच्चों के पिता ने विद्यालय प्रबंधक पर उत्पीड़न का आरोप लगाया।
नगर के आवास विकास कालोनी स्थित गुरुनानक इंटर कालेज में एक ही परिवार के चार बच्चों को परीक्षा देने वंचित कर देने का मामला प्रकाश में आया है। राजकुमार विश्वकर्मा के चारों बच्चे एक ही विद्यालय में पढ़ाई करते है। शिवानी कक्षा 12वीं की छात्रा है वहीं सोनम व आर्यन कक्षा 7 में पढ़ते है तथा उनका सबसे छोटा लड़का अंकित कक्षा चार का छात्र है। चारों बच्चों ने पहले दिन का पेपर दिया है। जब बच्चे अगले दिन परीक्षा देने के लिए विद्यालय पहुँचे तो उन्हे गेट से ही भगा दिया गया। गेट से ही भगा दिए जाने से बच्चे हस्तप्रभ हो गए थे उन्हें कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि उनके साथ हो क्या रहा है। बारहवीं में पढ़ने वाली बड़ी बेटी को भी यह नहीं मालूम कि आखिर उनका अपराध क्या है जिसके कारण उसके साथ ही बहन और भाइयों को परीक्षा देने से रोका जा रहा है। अपने साथ ही अपने छोटी भाइयों का भविष्य दांव पर लगने से वह स्तब्ध हो गई थी।

फसाद की जड़ मेरी जमीन: पिता

बच्चों के पिता राजकुमार विश्वकर्मा ने बताया की सारे फसाद की जड़ उनकी जमीन है। आरोप लगाया है कि जिस विद्यालय में बच्चे पढ़ते है उस विद्यालय के प्रबंधक की निगाह उनके जमीन पर है। विद्यालय के प्रबंधक उस पर जमीन बेचने का दबाव बना रहा है लेकिन जब उसने जमीन बेचने से इंकार कर दिया तो वह बच्चों से दुश्मनी निकाल रहा है। कहा कि इसके पूर्व विद्यालय के प्रबंधक घर में घुस कर मारपीट भी की थी। कई बार शिकायत के बावजूद पुलिस महकमा कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

 

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