ठंड व गलन के बीच स्कूली बच्चों की स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ बलिया के जिलाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने 3 जनवरी से विद्यालय बंद करने का निर्णय लिया है. जिलाध्यक्ष ने कहा कि परिषदीय स्कूलों (primary school association) में बच्चों को टाट पट्टी पर बैठना पड़ता है. अधिकतर बच्चों के पास गरम वस्त्र का अभाव है. बावजूद इसके बच्चें कांपते हुए स्कूल आ रहे है. ऐसे में किसी प्रकार की अनहोनी पर सम्बंधित शिक्षक को ही प्रशासन जिम्मेदार ठहरा देगा. संघ ने बताया कि ठंड के मद्देनजर पड़ोसी जनपदों में जिला प्रशासन द्वारा 8वीं तक के बच्चों का अवकाश घोषित किया गया है, लेकिन बलिया का जिला प्रशासन चुपी साधे हुए है.
जिलाधिकारी की चुप्पी के बाद संघ ने किया ऐलान
ऐसे में संघ को विवश होकर यह निर्णय लेना पड़ा है. जिलाधिकारी से मिलने के बाद संघ की बैठक हुई, जिसमे निर्णय लिया गया कि 3 जनवरी से परिषदीय विद्यालयों को ठंड को देखते हुए बंद रखा जायेगा।. जब तक पड़ोसी जनपद गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ व वाराणसी जनपद के स्कूल नहीं खुलेंगे, तब तक बलिया के भी स्कूल नहीं खुलेंगे. इसकी जानकारी जिलाधिकारी व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दे दी गयी है.
डीएम ने दिया था बेतुका बयान (primary school association)
बलिया जनपद में पड़ रही कड़ाके की ठंड में मासूम बच्चे मजबूर होकर विद्यालय जाने को विवश हैं. आप देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि विद्यालय में पढ़ने आ रही बच्चियों से झाड़ू लगवाना तो कहीं मासूम बच्चे और बच्चियों को कड़ाके की ठंड में ठिठुरना पड़ रहा है. इन मासूमों के कैसे हाथ पैर काप रहे हैं, फिर भी विद्यालय आ रहे हैं वही विद्यालय में पढ़ रहे बच्चे ठिठुर कर विद्यालय में बैठे हैं. डीएम ने कहा था कि बच्चे बहुत मजबूत इच्छाशक्ति के हैं और उन्हें कमजोर न बनायें ठण्ड की बात कहकर.
बच्चों को ठंड से बचाने के लिए प्रशासन की व्यवस्था नहीं दिख रही
हालांकि की कड़ाके की ठंड पड़ रही हैं और बलिया जनपद के आलाधिकारी अपने अपने कमरे में बैठकर यह देख रहे हैं कि मौसम अपना रुख कबतक बदलता हैं.लेकिन इन मासूम को देखने वाला कोई नही हैं. अध्यापक भी मज़बूर हो गए हैं, कि जनपद के आलाधिकारियों के कानों में तक जू नही रेंग रही हैं, मौसम अपना सितम ढा रहा है, और अधिकारी अपने कार्यालयों में हीटर जला रहे हैं. कड़ाके की ठंड में विद्यालयों में मासूम बच्चे ठंड से बचने के लिये पुवाल जला रहे हैं, लेकिन सवाल तब खड़ा हो रहा हैं, कि मासूम बच्चों को ठंड से बचने के लिए जिला प्रशासन ने अभी तक कोई व्यवस्था नही की हैं?
स्कूल में पुवाल जलाकर खुद को ठंड से बचा रहे है बच्चे…
प्रशासन को तो बच्चों की कोई परवाह नहीं है लेकिन इस भयानक ठंड़ में बच्चे ठंड़ से बचने के लिए पुवाल जला रहे है जिससे वह ठंड़ से राहत पाने की कोशिश कर रहे, अब देखना होगा प्रशासन कब तक बच्चों को अनदेखा करता है.