उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश के बाद भी कुछ अधिकारी अपनी हरकतों से बाज ना आकर सरकार की फजीहत कराने पर आमदा हैं। ताजा मामला बहराइच जिला का है। यहां शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार इस कदर व्याप्त है कि नियमों को ताक पर रखकर एक विद्यालय में तैनात शिक्षामित्र का वेतन बिना प्रधानाध्यापक के अनुमोदन के खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से पास कर दिया जा रहा है। महिला शिक्षामित्र का दबदबा इस कदर है कि वह अक्सर विद्यालय से अनुपस्थित रहती है और छुट्टी से पहले ही घर चली जाती है।

इतना ही नहीं इस शिक्षामित्र ने अपना उपस्थिति रजिस्टर अलग से बना रखा है, इस पर हस्ताक्षर करके वह सीधा खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय ले जाकर वेतन पास करवा लेती है। विभागीय नियमों के मुताबिक, उपस्थिति रजिस्टर पर प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर आवश्यक हैं। प्रधानाध्यापक के इसकी कई बाद शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी से की लेकिन उन्होंने विभागीय नियमों की अवहेलना कर बार-बार स्थानीय नेता सुभाष त्रिपाठी का नाम लेकर प्रधानाचार्या का मुंह बंद करा दिया। इतना ही नहीं भ्रष्टाचारी विभाग के खिलाफ आवाज उठाने पर प्रिंसिपल का ही निलंबन टाइप करा दिया गया। प्रधानाचार्या विमलेश देवी वर्मा और खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) अशोक कुमार ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके अलावा पीड़ित प्रधानाचार्या ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 3 पन्ने का पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]तीन पेज के लेटर में लिखा पूरा दर्द[/penci_blockquote]

महोदय!
“निवेदन है कि प्रार्थिनी प्राथमिक विद्यालय उधरना सरहदी विशेश्वरगंज बहराइच में प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत है। समायोजित शिक्षामित्र वंदना देवी नियमित विद्यालय नहीं आती है। जब कभी आती भी है तो समय से नहीं आती न शिक्षण कार्य करती है। समय से पहले स्कूल से चली जाती हैं। इसकी सूचना मेरे द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी को लगातार दी गई है। खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा कोई रुचि नहीं ली गई। शिक्षामित्र बंदना देवी नवंबर 2017 से लगातार बिना मेरे हस्ताक्षर के अपनी उपस्थिति खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय जमा करती है। खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा बिना प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर की उपस्थिति स्वीकार कर ली जाती है। जो विभागीय निर्देशों की अवहेलना है। शिक्षा मित्र नवंबर 2017 से विद्यालय के शिक्षामित्र रजिस्टर पर हस्ताक्षर ना बनाकर अपना अलग हस्ताक्षर करती है। जिसकी सूचना मेरे द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी को लगातार दी गई है। इस विषय पर भी खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा कोई रुचि नहीं ली गई। माह जुलाई 2018 में शिक्षा मित्र का जो मूल विद्यालय वापसी तैनाती हेतु विकल्प पत्र दिया गया उसमें भी शिक्षा मित्र द्वारा मुझसे हस्ताक्षर नहीं कराया गया। जबकि प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर का कॉलम था। इसकी सूचना वह मेरे द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी को दी गई फिर भी खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा विकल्प पत्र बिना मेरे हस्ताक्षर के स्वीकार कर लिया गया और शिक्षामित्र वंदना देवी को पुनः यही विद्यालय दिलवाया गया। जबकि वंदना शिक्षामित्र का मूल विद्यालय प्राथमिक विद्यालय कटोरा विशेश्वरगंज है। पूर्व में शिक्षामित्र वंदना द्विवेदी का लगभग 18 दिनों का मानदेय का कटा है। विकल्प पत्र प्रधानाध्यापक का हस्ताक्षर कराया जाना। प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर के बिना लगातार उपस्थिति स्वीकार कर लिया जाना। खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रधानाध्यापक पद की घोर उपेक्षा की जा रही है। विभागीय नियमों की अवहेलना की जा रही है। दिनांक 24-8-2018 को शिक्षामित्र वंदना द्विवेदी का कार्यभार ग्रहण किस विद्यालय में है? किसके द्वारा शिक्षा मित्र का कार्यभार ग्रहण कराया गया है? किसके हस्ताक्षर से उसकी उपस्थिति की जा रही है? इसका जवाब न देने के बजाय लगातार 1 साल लगभग से अपनी गलतियां को छिपाने के लिए बिना मुझे कोई नोटिस दिए, मुझ पर झूठा आरोप लगाते हुए मेरा निलंबन करवा दिया गया। दिनांक 21-8-2018 को खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा विद्यालय का निरीक्षण किया गया। मैं विद्यालय में उनको शिक्षण कार्य कराते हुए उपस्थिति में मिली। उसके बाद से खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा मेरे विद्यालय का निरीक्षण नहीं किया गया। दिनांक 30-10-2018 को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा विद्यालय का औचक निरीक्षण किया गया। मैं विद्यालय में बच्चों को परीक्षा कराते हुए उनको उपस्थित मिली। उसके बाद से खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा मेरे विद्यालय का निरीक्षण नहीं किया गया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उस दिन मेरे विद्यालय में बच्चों के साथ खाना भी खाया। खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा मुझ पर आरोप लगाया गया कि मैं बिना सूचना के विद्यालय से गायब रहती हूं, नियमित विद्यालय में नहीं रहती हूं। खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा कभी औचक निरीक्षण नहीं किया गया कि मैं नियमित विद्यालय नहीं रहती हूं। खंड शिक्षा अधिकारी ने होने वाले कोई नोटिस लिए तत्काल मेरा निलंबन बनवा दिया। ऐसा कोई शासन का विभाग का आदेश है क्या? खंड शिक्षा अधिकारी विशेश्वरगंज बहराइच खुद ठीक ढंग से अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। मैंने एक बार खंड शिक्षा अधिकारी के पास बंदना शिक्षामित्र की शिकायत करने के लिए फोन किया। खंड शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार ने फोन पर मुझसे कहा कि जो भी करें करने दो। मेरे पास 9 मिनट 22 सेकंड का पूरी रिकॉर्डिंग है, जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा बार-बार स्थानीय नेता सुभाष त्रिपाठी का नाम लिया गया है। लगातार मेरा मुंह बंद करने की कोशिश की गई है। अतः निवेदन है कि पूरी सच्चाई के साथ प्रार्थिनी के साथ उचित फैसला किया जाए।”

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