भाजपा सरकार में लखनऊ से भगवा रंग में रंगकर नेताओं को खुश करने का जो तरीका शुरू किया गया था उसका असर अब रायबरेली में पहुंचना शुरू हो गया है, नेताओं को खुश करने के लिए अब सरकारी स्कूलों को भी भगवा रंग में रंगने का कार्य शुरू हो गया है, मगर जिम्मेदार अब तक अंजान बने हुए हैं।
दीनशाह गौरा विकास खण्ड के साई का मामला :-
- तस्वीरों में आप देख कर खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरह से पूरे स्कूल को भगवा रंग में रंग दिया गया है,
- दीनशाह गौरा विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय टिकरिया साई में स्कूल को कायाकल्प योजना के तहत सुंदरीकरण करने कार्य प्रस्तावित हुआ था।
- मगर प्रधान व सेक्रेटरी ने पूरे स्कूल को भगवा कराने की ठान ली।
- इतना ही नहीं विद्यालय के अध्यापकों को भी इस बाबत कोई जानकारी नहीं है कि विद्यालय को किस रंग में रंगना है।
4 में से महज 1 अध्यापक स्कूल में
- विद्यालय में जब हमारी टीम पहुंची तो विद्यालय के हालत चौंकाने वाले थे।
- कहने को तो विद्यालय में चार अध्यापक तैनात हैं।
- मगर विद्यालय में महज एक अध्यापक हाजिरी लगा रहे थे।
- पूंछने पर गुरु जी ने बताया कि विद्यालय में तैनात इंचार्ज छात्रों को फल आदि लेने के लिए बाहर गए हुए।
- एक अन्य शिक्षा मित्र को विद्यालय संचालन में दूसरे स्कूल भेजा गया है।
- जबकि एक अन्य शिक्षामित्र अवकाश पर हैं।
- स्कूल को भगवा रंग में रंगने की मामले पर अपना पल्ला झाड़ते हुए विद्यालय के अध्यापक ने मात्र इतना बताया कि कायाकल्प योजना के तहत हो रहे इस सुंदरीकरण का पूरा काम ग्राम प्रधान द्वारा कराया जा रहा है।
भगवा रंग में स्कूल रंगना नहीं कोई गलत बात : बीएसए
- ब्लॉक से लेकर स्कूलों तक हो रहे भगवाकरण के मामले पर जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पीएन सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विद्यालय को भगवा रंग में रंगना कोई गलत बात नहीं है
- अगर बच्चों को अच्छा परिवेश दिया जाएगा तो उनमें सीखने की क्षमता बढ़ेगी।
- अगर विद्यालय का रंग देखने में बुरा लग रहा है तो इस मामले को दिखवा लिया जाएगा।
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