लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र में सरकारी विद्यालय बीते एक सप्ताह पहले बनी बिना नींव के दीवार ढह गयी। जिससे नरायनपुर पूर्व माध्यमिक विद्यालय के परिसर में खेल रहे कई चिराग बुझने से बाल- बाल बच गए। भ्रष्टाचार के रूपये की बंदरबाट के आगे स्कूली बच्चों की जिंदगी भी दांव पर रख दी जाती है।
एक हप्ते पहले ही बनी थी दिवार
आपको बता दें कि लखनऊ के मॉल विकासखण्ड स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय की लाखों की लागत से महज एक सप्ताह पहले बनी चहारदीवारी गिर गई। वहीं स्कूल में इमारत ढहने से क्षेत्र में सदमे का माहौल है। वहीं प्रधान व पंचायती राज विभाग के भ्रष्टाचार की पोल खुली तो नौनिहालों की जिदंगी से खिलवाड़ कर रहे प्रधान ने पड़ोसी खेत के किसानों की लापरवाही बताया। लेकिन ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि अगर एक सप्ताह पहले बनी चहारदीवारी में भ्रस्टाचार नहीं, तो आखिरकार महज एक सप्ताह पहले बनी दीवार ढही कैसे? और जाहिर होता है दीवार में बालू और मिट्टी के प्रयोग के शिवाय भूकम्परोधी मानकों का भी ध्यान नहीं दिया गया।
क्या आप अभिभावक हैं? कहीं आपके बच्चे सरकारी विद्यालय पढने तो नहीं जाते? यदि हाँ, तो सावधान हो जाईए क्योंकि सरकारी स्कूलों मे भ्रष्टाचार के भवनों में प्राथमिक पाठशाला चल रही है। यह शिक्षा आपके बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। आपको बता दें कि ऐसा ही मामला लखनऊ के माल विकासखण्ड से आया है जहाँ पर दस दिन पहले स्कूल की मरम्मत हुआ था। तकरीबन करीब एक सौ बीस स्क्वायर फिट दीवार बनाई गयी थी। जिसका निर्माण ग्राम पंचायत प्रधान बेचालाल यादव ने मॉल वीडीओ की अध्यक्षता में करवाया था।
भाग कर बच्चों ने बचायी जान
किंतु आज जब स्कूल लगा और मध्यावकाश में बच्चे खेल रहे थे तभी दीवार ढह गयी, और बच्चे इधर- उधर भागने लगे। किसी तरह विद्यालय परिसर से भागकर बच्चों ने अपनी जान बचाई। वहीं प्रधान ने बताया कि हमने निर्माण सही कराया। लेकिन पड़ोसी किसानों ने खेतों में पानी लगाकर गिरा दी है। वहीं प्रत्यक्षदर्शी हरिश्चन्द ने घटना को घटिया निर्माण की वजह बताया है। यह सब होने के बावजूद प्रशासन देखने नहीं आया। ऐसे में बड़ा सवाल है, आखिरकार गांव के नौनिहाल स्कूली छात्रों की जिंदगी से खिलवाड़ क्यों हो रहा है।