प्रधानमंत्री ने आज 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने के निर्णय की घोषणा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने के निर्णय की घोषणा की है। आज के दिन को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने के पीछे कारण है कि आज ही के दिन ही शुरू हुए विभाजन प्रक्रिया में साल 1947 में देश के विभाजन के दौरान कारण लाखों-लाख लोगों को भारत आने के क्रम में हत्या कर दी गई थी। इसके अलावे बहुत से लोगों, महिलाओं को प्रताड़ित भी किया गया था।
आज शनिवार 14 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ऑफिसियल ट्विटर अकाउंट पर कहा, “देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है।”
प्रधानमंत्री ने अपने अगले ट्वीट में #Partition Horrors Remembrance Day (विभाजन की भयावहता स्मरण दिवस) के शुरुआती संबोधन से शुरू करते हुए कहा कि यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी।
ज्ञात हो कि जब 20 फरवरी 1947 को लॉर्ड लुइस माउंटबेटन को ब्रिटिश भारत का आखिरी वायसराय नियुक्त किया गया था, उस समय भारत विभाजन की डेट अगस्त 1948 तय थी, मगर देश में बारम्बार हो रहे साम्प्रदायिक लड़ाइयों और दंगों को देखते हुए वायसराय लॉर्ड लुइस माउंटबेटन ने तब के भारत के विभाजन का डेट को एक साल कम करके 15 अगस्त 1947 कर दिया था। जिसके बाद तात्कालिक पाकिस्तानी क्षेत्र से बहुत से लोग भारत को पलायन करके करने लगें।
भारत-पाकिस्तान विभाजन के क्रम में हुए साम्प्रदायिक लड़ाइयों में लाखों लोगों को दंगाइयों ने मार डाला था। बहुत सी महिलाओं का शोषण हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 14 अगस्त को इसी कारण से ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की है, ताकि लोग इससे सबक लें और ऐसी स्थिति उत्पन्न न होने दें।