कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी संगम में डुबकी ( bathe in sangam ) लगाने आ सकते हैं। लंबे इंतजार के बाद राजनीति में कदम रखने वाली प्रियंका संगम में डुबकी लगाकर अपनी सियासी पारी की शुरुआत कर सकती हैं। पार्टी में इसे लेकर हलचल तेज हो गई है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]Priyanka Gandhi ,Rahul Gandhi may bathe in sangam kumbh 2019[/penci_blockquote]
राहुल गांधी के खुद को जनेऊधारी हिंदू बताने के बाद अब उनकी बहन प्रियंका गांधी भी सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर हैं।
वह मौनी अमावस्या (चार फरवरी) या पांच फरवरी को कुंभ में स्नान करने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव का पद भार ग्रहण करेंगी। उनको पूर्वी उत्तर प्रदेश का चार्ज दिया गया है।
राहुल-प्रियंका के कुंभ में आने को लेकर कांग्रेस पार्टी में तैयारियां शुरू हो गई हैं। कहा जा रहा है कि मौनी आमावस्या के बाद दोनों नेता प्रयागराज आएंगे। इस दौरान संगम तट पर राहुल और प्रियंका डुबकी लगाएंगे।
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अनिल द्विवेदी ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि अभी तिथि तय नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि नौ या 10 फरवरी को राहुल-प्रियंका संगम में डुबकी लगाने आ सकते हैं।
इस दौरान उनकी सभा कराने की भी तैयारी है। इस पर प्रदेश नेतृत्व ने मंथन शुरू कर दिया है।
प्रियंका गांधी वाड्रा चार फरवरी को कांग्रेस अध्यक्ष अपने भाई राहुल गांधी के साथ प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेला में संगम में डुबकी लगाएंगी। इसके बाद वह अपने राजनीतिक करियर की औपचारिक शुरुआत करेंगी।
चार फरवरी को कुंभ का दूसरा शाही स्नान है। इसी दिन मौनी अमावस्या भी है। इसके बाद वह अपने इस राजनीतिक करियर की औपचारिक शुरुआत करेंगी।
इसके बाद प्रियंका गांधी लखनऊ में राहुल के साथ एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगी। अगर किसी कारणवश राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा चार फरवरी को संगम में स्नान नहीं कर पाते हैं तो वह दस फरवरी को पवित्र डुबकी लगाएंगे।
10 फरवरी का मुहुर्त भी खास है। इस दिन बसंत पंचमी है और तीसरा शाही स्नान है। माना जा रहा है कि यह शायद पहली बार है जब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी- दोनों संगम में स्नान करेंगे।
प्रियंका गांधी की इस योजना के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। इसे भाजपा के दक्षिणपंथी विचारधारा का कांग्रेस को जवाब बताया जा रहा है। 2017 में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कई मंदिरों में पूजा अर्चना की थी।
यह कांग्रेस की सॉफ्ट हिंदुत्व की नीति के तहत किया गया था। राहुल गांधी के इस कदम की भाजपा ने आलोचना की थी और कहा था कि राहुल को मंदिर तभी याद आते हैं जब चुनाव आता है।
इससे पहले वर्ष 2001 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कुंभ मेले में पहुंची थीं और स्नान किया था। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने एक बड़ी राजनीतिक चाल चलते हुए प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश का महासचिव नियुक्त कर दिया है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में लोकसभा की काफी सीट हैं। इस क्षेत्र में वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, चंदौली व गाजीपुर जैसे भाजपा के मजबूत गढ़ हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में इनमें से ज्यादातर सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी।
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