कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिकार प्रशांत किशोर को जिम्मेदारी सौंपी है।
कांग्रेस की स्थिति:
सूबे के चुनाव में अब एक साल से भी कम का समय बचा है और कांग्रेस ने इस चुनाव की जिम्मेदारी प्रशांत किशोर को दी है। कांग्रेस की स्थिति देश में इस वक़्त कुछ ख़ास अच्छी नहीं है, 2014 में लोकसभा चुनाव में करारी हार, फिर कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी उसे हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस यूपी चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है, जिसका संकेत उसने पीके को हायर कर के पहले ही दे दिया है।
प्रियंका गाँधी को बनाया जा सकता है ‘मुख्यमंत्री उम्मीदवार’:
यूपी 2017 के मद्देनजर ऐसी अटकलें लगायी जा रही हैं कि, प्रशांत किशोर सूबे के चुनाव में प्रियंका गाँधी को कांग्रेस का मुख्यमंत्री उम्मीदवार बना सकते हैं। हालाँकि, इस पर अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नही हुई है। कई लोगों की मानें तो प्रशांत किशोर प्रियंका के नाम का सुझाव कांग्रेस हाईकमान को दे चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस अपनी वर्तमान स्थिति से उबरने के लिए प्रशांत किशोर के इस सुझाव पर अपनी मुहर लगा सकती है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस इस सम्बन्ध में 11 जुलाई को फैसला सुना सकती है।
कांग्रेस ने यूपी चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी प्रियंका गाँधी को पहले ही सौंपकर उन्हें राजनीति की मुख्य धारा में उतार दिया है। ऐसे में कांग्रेस प्रियंका को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का भी चेहरा बना सकती है।
प्रियंका को लेकर पार्टी एक:
कांग्रेस प्रियंका गाँधी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में उतार सकती है, जिसका एक कारण यह भी हो सकता है कि, पार्टी के सुर राहुल गाँधी को लेकर भले एक न हों पर प्रियंका गाँधी के नाम पर पार्टी एक हो जाती है। पार्टी के अन्दर कई बार प्रियंका को बड़ी जिम्मेदारी सौंपने की आवाजें उठ चुकी हैं। तो ऐसा मुमकिन है कि, कांग्रेस अध्यक्षा पार्टी के भविष्य को देखते हुए प्रियंका गाँधी को उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री पद जैसी बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि, कई लोग प्रियंका को सिर्फ इसलिए सक्रिय राजनीति में चाहते हैं, क्योंकि प्रियंका गाँधी के हाव-भाव भारत की पूर्व प्रधानमंत्री और उनकी दादी इंदिरा गाँधी जैसे हैं।
प्रियंका गाँधी: कांग्रेस की दूरदर्शी सोच या एक और गलती?
यदि कांग्रेस प्रियंका गाँधी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करती है, तो सबसे बड़ा सवाल यह है कि, क्या कांग्रेस मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा कुछ जल्दी नहीं कर रही है? या प्रियंका गाँधी क्या उत्तर प्रदेश जितनी बड़ी जिम्मेदारी के लिए तैयार हैं? चुनाव के पहले अगर प्रियंका गाँधी को मैदान में उतारने का फैसला करती है तो सबसे बड़ा सवाल कांग्रेस के सामने ये होगा कि, 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी? प्रियंका गाँधी का रवैया कैसा होगा ये अभी तक एक अबूझ पहेली है, क्योंकि प्रियंका गाँधी अभी तक अपने परिवार की सीटों पर ही चुनाव प्रचार करती हुई आई हैं और ग्राउंड लेवल पर कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल बिठाकर चलना भी एक बड़ी चुनौती होगी।