समाजवादी पार्टी में रह-रह के उठ रहे बवाल में 1 जनवरी का दिन सपा परिवार व पार्टी के इतिहास के लिए सबसे बड़ा दिन साबित हो सकता है। सपा में रामगोपाल और अखिलेश यादव के दिशानिर्देश पर हुए अधिवेशन में इन दोनों ने कई अहम फैसले लिये। जिसमें प्रो. रामगोपाल यादव की भूमिका काफी अहम दिख रही है। रामगोपाल यादव के लिए सबसे बड़ी परेशानी की वज़ह हमेशा से अमर सिंह रहे हैं। रामगोपाल इससे पहले भी कई बार अमर सिंह पर दबी जुबान में हमला करते नज़र आते रहे हैं।
अमर सपा में कलह की वज़ह :
- कुछ समय पहले तक राम गोपाल यादव दबी जुबान में सपा परिवार में मचे कलह के लिए बाहरी व्यक्ति (अमर सिंह) को जिम्मेदार ठहरा रहे थे।
- राम गोपाल ने हमेशा से अमर सिंह के पार्टी में वापस लाए जाने के विरोध में खड़ रहे।
- उन्होंने अमर सिंह को पार्टी से दूर रखने के लिए हर संभव कोशिश की।
- लेकिन सपा प्रमुख मुलायम सिंह के रहमों-करम पर अमर सिंह की पार्टी में वापसी हुई।
- वापसी होने के साथ ही उन्हें सपा में राष्ट्रीय महासचिव जैसा महत्वपूर्ण पद दे दिया गया।
- इससे रामगोपाल यादव बेहद ख़फा थे।
- उन्होंने इसके बाद अमर सिंह के खिलाफ अपनी जंग को और तेज कर दिया।
- सपा में होने वाली किसी भी तकरार के लिए राम गोपाल ने अमर को ही जिम्मेदार ठहराया।
सीएम भी अमर सिंह के विरोधी :
- राम गोपाल के साथ ही अखिलेश यादव भी खुलकर अमर सिंह के विरोध में खड़े हो गए थे।
- उन्होंने अमर सिंह को एक बार दलाल तक कह दिया था।
- इस पर अमर सिंह ने कहा था कि सीएम के इस शब्द से वह बेहद दुखी हैं।
- राम गोपाल यादव और सीएम अखिलेश यादव ने काफी समय से अमर सिंह के खिलाफ अंदर ही अंदर एक जंग छेड़ रखी थी।
- दोनों ही अमर सिंह को फूटी आंख नहीं देखना चाहते थे।
- सीएम अखिलेश का साथ मिलते ही राम गोपाल और भी मुखर हो गए।
राम गोपाल के लेटर से बढ़ी उठापटक :
- 30 दिसंबर को राम गोपाल ने अचानक राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन के लिए लेटर जारी किया था।
- इसी के बाद राम गोपाल और उनका साथ देने के लिए सीएम अखिलेश यादव को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
- लेकिन 20 घंटे के अंदर ही सपा प्रमुख मुलायम सिंह को इनका निष्कासन वापस लेना पड़ा।
- वापसी होते ही राम गोपाल और सीएम अखिलेश के दिशानिर्देश पर नए साल के पहले दिन जनेश्वर मिश्र पार्क में सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया गया।
- इस अधिवेशन में राम गोपाल यादव ने अमर सिंह को पार्टी से बर्खास्त करने की सूचना दी।
- वहीं सीएम अखिलेश को सपा प्रमुख मुलायम सिंह की जगह राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी सौंपी गई।