लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बाढ़ की त्रासदी भयावह स्थिति में पहुंच चुकी है. जारी आंकड़ों की मानें तो यूपी में अब तक 23 जनपदों में बाढ़ ने जमकर अपना कहर बरपाया है. ऐसे में बाढ़ प्रभावित इन जनपदों में संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. जिसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग इन क्षेत्रों में संक्रामक रोगों के प्रभावी नियन्त्रण के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.
बाढ़ का कहर झेल रहे राज्य के ये 23 जनपद-
- सीतापुर, गाजीपुर, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोरखपुर,
- मऊ, सन्तकबीरनगर, फर्रूखाबाद, बिजनौर, बस्ती, बाराबंकी, मिर्जापुर,बदायूं, सिद्धार्थनगर,
- अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, फैजाबाद, महराजगंज , देवरिया.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गये ये प्रयास-
- ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ का पानी पेयजल के कुओं में पहुँच रहा है.
- इसके साथ ही बाढ़ के दौरान जानवरो के मरने एवं उनके शव के सड़ने से पेयजल संक्रमित तथा वातावरण प्रदूषित होने की सम्भावनाएं बढ़ रही है.
- जिससे संक्रामक रोग फैलने का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है.
- ऐसे में संक्रामक रोगों के प्रभावी नियन्त्रण के लिए स्वस्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश भर में प्रयास किये गए है.
प्रभावी नियन्त्रण के लिए की गई ये तैयारी-
- स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ के दौरान उत्पन्न होने वाली बीमारियो पर नियंत्रण के लिए बाढ़ नियंत्रण कार्य योजना तैयार कर मार्च 2017 में ही समस्त जनपदों के मण्डलीय अपर निदेशको एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को भेजी जा चुकी है.
- स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार की गई कार्य योजना में ब्लाक स्तर, जिला स्तर, मण्डल स्तर, एवं राज्य स्तर पर समन्वय समितियो का गठन किया गया है.
- इसमें ब्लाक स्तर पर ब्लाक प्रमुख की अध्यक्षता में समन्वय समिति बनाई गई है.
- जिसमें अधीक्षक/प्रभारी चिकित्साधिकारियों को संयोजक तथा बी.डी.ओ.,
- ब्लाक शिक्षा अधिकारी एवं सी.डी.पी.ओ. को सदस्य नामित किया गया है.
- यह समिति आशा, आँगन बाड़ी कार्यकत्री, महिला स्वास्थ्य कर्मी के सम्पर्क में रहकर संक्रामक रोगो की सूचना एकत्र करेगी.
गठित की गयी समन्वय समिति-
- जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मण्डल स्तर पर मण्डलायुक्त के अध्यक्षता में तथा राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव चिकित्सास्वास्थ्य एवं परिवारकल्याण की अध्यक्षता में समन्वय समिति गठित की गयी है.
- जिला स्तर पर मुख्य चिकित्साधिकारी, मण्डल स्तर पर अपरनिदेशक चिकित्सास्वास्थ्य एवं राज्य स्तर पर निदेशक संक्रामक रोग को संयोजक बनाया गया है.
- जो कि संक्रामक रोगों के रोक थाम हेतु निरोधात्मक/उपचारात्मक कार्यवाही के लिए इन समितियों के माध्यम से सम्बन्धित विभागो का सहयोग प्राप्त कर कार्यवाही करेंगे.
- बाढ़ प्रभावित जनपदों में चिकित्सीय व्यवस्था एवं संक्रामक रोगों के रोक थाम हेतु राज्य मुख्यालय से अपरनिदेशक/संयुक्तनिदेशक स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया गया हैं.
- जिनके द्वारा अपने जनपदों में चिकित्सा व्यवस्था/औषधियां सुनिश्चित कराने एवं नियमित अनुश्रवण किए जाने की कार्यवाही की जा रही है.
जिला मंडल एवं राज्य स्तर पर स्थापित किए गए कन्ट्रोल रूम-
- इसके अतिरिक्त प्रत्येक जनपद में जनपदस्तर, मण्डलस्तर एवं राज्य स्तर पर कन्ट्रोल रूम स्थापित किए गये है.
- जनपद स्तर पर मुख्यालय में कार्यरत कन्ट्रोल रूम के प्रभारी अपरमुख्य चिकित्साधिकारी/उपमुख्य चिकित्साधिकारी बनाये गये है.
- वहीँ मण्डलस्तर पर स्वास्थ्य विभाग के लेविल-4 के अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया गया है.
- जो कि अपने जनपदों से सम्बन्धित संक्रामक रोगो की सूचना प्राप्त कर मुख्यालय को सूचित करेगें.
- राज्य स्तर पर स्वास्थ्य सेवा महानिदेशलय में टोल फ्री कन्ट्रोल रूम नम्बर 1800-180-5145 स्थापित किया गया है.
- साथ ही महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के कैम्पकार्यालय के फैक्स नम्बर 0522-26़23980 स्थापित किया गया है.
- इसके साथ ही ई-मेल- idspup@gmail.com, epidemicup@gmail.com पर सूचना एकत्र करने की व्यवस्था की गई है.
रोगियों को वितरित की गयी जीवन रक्षक औषधियां-
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो में प्रति वर्ष राजस्व विभाग द्वारा चिन्हित स्थानों पर बाढ़ चैकिया स्थापित की जाती है.
- जोकि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के सम्पर्क में रहती है.
- दिनांक 21 अगस्त 2017 तक 23 बाढ़ प्रभावित जनपदों में उपचारित रोगियों को जीवन रक्षक औषधियां वितरित की गयी है.
- बता दें कि बाढ़ प्रभावित क्षत्रों में कुल 718 चौकियां बनाई गई.
- जिसमें उपचारित रोगियों की संख्या 87623 थी.
- इन उपचारित रोगियों को 294478 ORS पैकेट वितरित किये गए.
- साथ ही पानी की सफाई के लिए कुल 646497 क्लोरीन टेबलेट बांटी गई.
23 जनपदों में बाढ़ से प्रभावित हुए 2445 गांव-
- इस वर्ष बाढ़ से प्रभावित 23 जनपदों में 2445 गांव प्रभावित हुए है.
- जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 214 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 836 बाढ़ चैकिया स्थापित की गई हैं.
- जिनमें से 428 चैकियां बाढ़ से प्रभावित हुई है.
- इनमें कुल 22.98 लाख जनसंख्या प्रभावित हुई है.
23 बाढ़ प्रभावित जनपदों में दवाओं के स्टाक की स्थिति-
- बाढ़ प्रभावित 23 जनपदों में दवाओं के स्टाक की व्यवस्था की गई थी.
- इन जनपदों में दिनांक 21 अगस्त 2017 तक दवाओं के स्टाक की स्थिति निम्नवत है.
- ब्लीचिंग पाउडर- 1366( 25 ग्राम प्रति बैग)
- क्लोरीन टेबलेट-468455
- ORS पैकेट-2048430
- एन्टीस्नेकवीनम्-4660
- DDT-1315
- मैलाथियाॅनटैक्नी/पाइरेथ्रम (ली0)-3467
पेयजल की अपूर्ति के लिए दिए गए ये निर्देश-
- बाढ़ प्रभावित जनपदों में क्लोरीन युक्त अथवा विसंक्रमित पेयजल की अपूर्ति जलसंस्थान अथवा सम्बन्धित निकायों के माध्यम से कराये जाने के भी निर्देश दिए जा चुके है.
- पेयजल में क्लोरीन की उपलब्धता हेतु OT टेस्ट-नियमित रूप से कराये जाने के भी निर्देश दिए जा चुके है.
- साथ ही जिन स्थानों पर पेयजल की आशंका हो ऐसे स्थानों के पेयजल के नमूने एकत्र कर परीक्षण हेतु रीजनल लैब स्वास्थ्य भवन लखनऊ एवं राज्य स्वास्थ्य संस्थान, जल विश्लेषण प्रयोगशाला अलीगंज लखनऊ को भेजे जाने के निर्देश दिए जा चुके है.
राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में की गई कार्याे की समीक्षा-
- दिनांक 21 अगस्त 2017 को राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अध्यक्षता में आयोजित की गयी.
- जिसमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो में सम्बन्धित विभागों द्वारा किए जा रहे कार्याे की समीक्षा की गई.
- बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल के श्रोतो यथा हैण्डपम्प, कुओं आदि का क्लोरीनेशन कराया जाय.
- साथ ही सभी परिवारो को पर्याप्त मात्रा में क्लारीन की गोलियां उपलब्ध करायी जाय.
- इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में होने वाली बीमारियों से सम्बन्धित दवाओं की लिस्ट बना ली जाय.
- साथ ही इन दवाओं का पर्याप्त स्टाक रखा जाय.
- जिससे नियमित रूप से कैम्प लगाकर पीड़ित व्यक्तियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाए.
बाढ़ राहत जनपदों ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की सूचना-
स्वास्थ्य राज्य मंत्री करेंगे बाढ़ प्रभावित जनपदों का दौरा-
- स्वास्थ्य राज्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने आज बाढ़ प्रभावित कई जनपदों के विधायकों से बातचीत की.
- बातचीत के दौरान उन्होंने जहाँ विधायकों से बाढ़ प्रभावित इलाकों के हालत जाने.
- वहीँ किसी भी प्रकार की सहायता का आश्वासन भी दिया.
- बता दें कि सिद्धार्थनाथ सिंह कल बाढ़ प्रभावित कई जनपदों का जायजा भी लेंगे.