उत्तर प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ रहे उत्पीड़न के विरोध में सूबे की महिलाओं और छात्राओं ने सड़क पर प्रदर्शन किया।
पुलिस से हुई झड़प:
- सूबे में महिलाओं पर बढ़ रहे उत्पीड़न के चलते सैकड़ों महिलाओं और छात्राओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया।
- यह प्रदर्शन एबीवीपी की महिला सदस्यों द्वारा निकाला गया था।
- प्रदर्शन के दौरान महिलाओं और पुलिस के बीच झड़प हो गयी।
- दरअसल महिलाओं के काफिला परिवर्तन चौक से पैदल चलकर विधान भवन घेरने की तैयारी कर रहा था, लेकिन पुलिस ने केडी सिंह बाबू स्टेडियम पर बैरिकेडिंग लगाकर काफिले को रोक दिया।
- जिसके बाद महिलाओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई।
- काफी समय बाद पुलिस ने सभी को लाठी फटकार कर भगाया।
- छात्राओं ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल के लिए 25 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी राजशेखर को सौंपा।
- एबीवीपी की सदस्य अंजलि चौहान ने कहा कि, सूबे की सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने में असमर्थ है।
- उन्होंने आगे कहा कि, बुलंदशहर हाईवे पर माँ-बेटी के साथ गैंगरेप की वारदात ने पूरे देश को हिला दिया था।
ये हैं मांगे:
- महिलाओं और छात्राओं ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल को सौंपे जाने वाले ज्ञापन में निम्न मांगें रखी हैं, जैसे कि, राज्य सरकार द्वारा मोबाइल पैनिक बटन योजना लागू की जाए।
- इसके अलावा सभी हाईवे को सीसीटीवी कैमरे से मॉनिटर किया जाये।
- सभी विद्यालयों व महाविद्यालयों में आत्मरक्षा शिविर को अनिवार्य किया जाये।
- भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा के लिए महिला पुलिस की संख्या बढ़ाई जाए।
- इसके अलावा महिला पुलिसकर्मियों को वॉकी-टॉकी भी उपलब्ध कराया जाए।
- उत्पीड़न की घटनाओं के निस्तारण के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाये जाएँ।
- आरोपी का दोष सिद्ध होने पर कोर्ट द्वारा फांसी या आजीवन कारावास की ही सजा सुनाई जाये।
- रेप के अलावा महिला तस्करी जैसे जघन्य अपराधों पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई कर अपराधियों को सजा दी जाए।
- सुरक्षा के लिए शराब एवं अन्य नशीले पदार्थ राज्य में पूरी तरह से रोक लगायी जाये।
- इसके अलावा काम करने वाले स्थानों पर लिंग संवेदीकरण को अनिवार्य किया जाना चाहिए।
- हत्या और रेप जैसी वीभत्स मामलों की जांच मानवाधिकार आयोग बनाकर हो।
- सभी अश्लील वेबसाइटों को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए।
- महिलाओं के उत्थान एवं सुरक्षा के लिए विशेष सरकारी नीतियां बनाई जाए।
- रेप जैसे मामलों पर पुलिस प्रशासन रवैया लचर न करके संवेदनशील हो प्राथमिकता के तौर पर कार्रवाई करे।
- सूबे की सरकार द्वारा इन घटनाओं के ध्यान में रखकर एक ऐसा समूह बनाया जाए, जो हर माह सरकार को महिला उत्पीड़न की रिपोर्ट सौंप सके।
- इसके अलावा पार्टीगत राजनीतिक से ऊपर उठकर राज्य सरकार किसी भी संवेदनशील मामले पर नकारात्मक टिप्पणियों पर रोक लगाए।
- सभी हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे चालू रखने के आदेश दिए जाएँ।
- सभी विद्यालय और महाविद्यालयों में वूमेन डेवलपमेंट विंग की स्थापना की जाए।
- सभी जिलों के विद्यालय में आने-जाने के लिए महिला बस की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जाए।
- हर जिला मुख्यालय पर छात्राओं को सरकारी महिला छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
- राज्य के तहसील केंद्रों पर ग्रामीण छात्राओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग की व्यवस्था की जाए।
- इसके अलावा अनुसूचित जाति की छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं परास्नातक तक नि:शुल्क शिक्षा दी जाए।
- छात्राओं के आधार कार्ड विद्यालयों में ही बने ऐसी व्यवस्था की जाए।
- हर महिला कॉलेज 200 मीटर के दायरे में महिला पुलिस की व्यवस्था की जाए।