प्रदेश को आज पुलिस मुखिया के रूप में ओपी सिंह मिलें। सीआईएसएफ के डीजी ओपी सिंह को रिलीव करने की आधिकारिक घोषणा रविवार को हो गई थी। आज वह यूपी के डीजीपी का कार्यभार संभालें। पिछले 20 दिनों से जारी अटकलों पर आज विराम लग जाएगा। 30 दिसंबर को यूपी पुलिस के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का कार्यकाल समाप्त हो गया था।
लखनऊ पहुंचे ओपी सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि मुझे गर्व है कि मै डीजीपी यूपी बनने पर. कई टास्क है मुझ पर ,महिला बच्चों और आम जन को सुरक्षा देना मेरा लक्ष्य पहला लक्ष्य है। मेरा पहला प्रयास सर्विस डिलेवरी को तेज करना होगा।
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पुलिस की समस्या व अपराध पर अंकुश लगाना पहली प्राथमिकता: डीजीपी
जिससे प्रदेश की पुलिस पर लोगों का विस्वास बना रहे। इस बाबत उन्होंने कहा कि प्रदेश की पुलिस में प्रोफिसनीलाज़म आये। डीजीपी ने कहा कि पिछले कुछ समय से प्रदेश कानून व्यवस्था में अच्छा चल रहा है। इसको और अच्छा बनाने की कोशिश करेंगे। वहीं पुलिस के विवेचना में गुणवत्ता लाने की कोशिश करेंगे।
सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक महत्वपूर्ण मुद्दा है। जिस पर हमें ज्यादा से ज्यादा काम करना है।
उन्होंने प्रदेश की पुलिस का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि हमारे ऑफिसर्स बहुत अच्छे हैं।
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हम पूरी भावना से काम करेंगे, साथ ही कानून व्यवस्था पर अच्छा चल रहा है।
कमिश्नरेट पर अध्ययन करेंगे, मै चाहता हूं कि कमिश्नरेट प्रणाली हो।
आईपीएस ओपी सिंह के पास है ढ़ाई साल का लंबा कार्यकाल
बता दें कि यूपी डीजीपी की रेस में बड़ा फेरबदल करते हुए आईपीएस ओपी सिंह का डीजीपी बनाया गया है।
1983 बैच के आईपीएस अफसर ओपी सिंह को प्रदेश का पुलिस मुखिया बनाया गया।
ओपी सिंह डीजी सीआईएसएफ के पद पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चल रहे थे।
हनुमान मंदिर में दर्शन कर नए डीजीपी ओपी सिंह पहुंचे पुलिस मुख्यालय
ओपी सिंह सीनीयरटी में सबसे लंबे कार्यकाल वाले 7वें नंबर के अफसर हैं।
उनके पास लंबा कार्यकाल और अनुभव बना है।
ओपी सिंह के पास काम करने के लिए ढ़ाई साल का लंबा वक्त है।
गौरतलब है कि योगी सरकार एक ऐसे अफसर की तलाश कर रही थी
जिसके पास आगामी लोकसभा चुनाव कराने तक का लंबा वक्त हो। सरकार के हिसाब से ओपी सिंह कसौटी पर खरा उतरते हैं।