उन्नाव के बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म सहित अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। इसके बाद प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता की। डीजीपी ने जानकारी देते हुए बताया कि विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ माखी थाने में आईपीसी की धारा 336, 366, 376, 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उनकी जल्द ही गिरफ़्तारी की जायेगी। डीजीपी ने बताया कि आरोपों की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने गुरुवार को यहां बताया कि उन्नाव दुष्कर्म मामले के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को यूपी पुलिस गिरफ्तार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सुपुर्द करने का फैसला लिया है। ऐसे में अब सीबीआई चाहे तो आरोपी विधायक को गिरफ्तार कर सकती है। उन्नाव दुष्कर्म मामले में प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार और पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने गुरुवार सुबह यहां संयुक्त पत्रकार वार्ता की। इस दौरान डीजीपी ने कहा कि पुलिस अभी सीबीआई जांच तक उन्नाव के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी नहीं करेगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री ने मंगलवार को 24 घंटे के भीतर एसआईटी की रिपोर्ट तलब की थी। पीड़िता के पिता की हत्या की जांच भी सीबीआइ करेगी। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद पुलिस ने देर रात विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। मामले में लापरवाही बरतने के लिए एक पुलिस क्षेत्रधिकारी व दो डाक्टरों को भी निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले पूरे मामले की जांच के लिए उन्नाव गई एसआईटी की टीम ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय में दी थी। सरकार ने कार्रवाई का यह फैसला एसआईटी के साथ ही डीआईजी जेल और डीएम उन्नाव की अलग-अलग जांच रिपोर्ट के आधार पर देर रात किया। इसके बाद पीड़ित परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
क्या है पूरा घटनाक्रम
गौरतलब है कि रेप पीड़िता का चाचा 19 जनवरी से सोशल मीडिया पर इंसाफ की गुहार लगा रहा था। लेकिन पूरी दुनिया में सोशल मीडिया (ट्विटर) पर खूब सुर्खियां बटोरने वाली यूपी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़िता के परिवार का कहना है कि अगर पुलिस ने तीन महीने पहले कार्रवाई की होती तो उनके परिवार का मुखिया जिंदा होता।
हालांकि पुलिस की लचर कार्रवाई के चलते पिछली 3 अप्रैल को पुलिस की निगरानी में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके गुर्गों ने पीड़िता के पिता और चाचा को बुरी तरह पीटा था। पुलिस ने इस मामले में गंभीर रूप से घायल पीड़िता के पिता को जेल भेज दिया था। इसके बाद पीड़िता ने पिछली 8 अप्रैल को मुख्यमंत्री आवास के बाहर पूरे परिवार के साथ आत्मदाह का प्रयास किया।
इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया तब तक जेल में हिरासत के दौरान रेप पीड़िता के पिता की 9 अप्रैल को मौत हो गई। तब मामले ने राष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ लिया। इस मामले में सीएम योगी के निर्देश के बाद थाना प्रभारी माखी सहित 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। पुलिस ने इस केस में चार लोगों को गिरफ्तार किया। मंगलवार सुबह लखनऊ क्राइम ब्रांच ने भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उधर पुलिस ने सुरक्षा के बीच पीड़िता के परिवार का अंतिम संस्कार करवा दिया। जिलाधिकारी उन्नाव ने पीड़ित परिवार को मिलने के लिए बुलाया था। वहीं पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई जांच के लिए भी पीआईएल दाखिल की है।
मंगलवार को एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि उन्नाव गैंगरेप केस में यूपी सरकार ने SIT का गठन किया है। इस मामले में भाजपा विधायक से भी पूछताछ होगी। वहीं पीड़ित लड़की के पिता की संदिग्ध हालत में मौत के बाद प्रमुख सचिव गृह ने पुलिस को फटकार लगाते हुए मामले की पूरी रिपोर्ट तलब की। जेल में विधायक की दखल का खुलासा हुआ है। विधायक कुलदीप सिंह का रिश्तेदार है जेल में सप्लायर है। सप्लायर के पास जेल में राशन, सब्जी सप्लाई का ठेका है। बताया जा रहा है कि सप्लायर से भी पूछताछ होगी।