उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने लखनऊ-पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए चयनित सभी 8 एजेंसियों के टेंडर रद्द कर दिए और 45 दिनों में नए सिरे से प्रक्रिया पूरी करने की योजना पर सहमति बनी। बताया जा रहा है कि अब नए सिरे से एक बार बिड आमंत्रित की जाएगी। बिड निरस्त करने की वजह निर्माण लागत को और कम करना बताया गया है।
इन कंपनियों के टेंडर हुए रद्द
➡पैकेज-1 के लिए एनसीसी।
➡पैकेज-2 के लिए एप्को इंफ्राटेक।
➡पैकेज-3 के लिए एल एंड टी।
➡पैकेज-4 के लिए पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड।
➡पैकेज-5 के लिए एल एंड टी।
➡पैकेज-6 के लिए गायत्री प्रोजेक्ट्स।
➡पैकेज-7 के लिए एफ्कोन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर।
➡पैकेज-8 के लिए रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं।
यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी ने बताया कि ईपीसी पद्धति पर बनने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का निर्माण आठ पैकेज में होना है। अभी जो बिड प्रक्रिया चल रही थी, उसमें लागत 10.97 फीसदी ज्यादा आई है। सरकार को उम्मीद है कि नए सिरे से बिड आमंत्रित करने पर यह दर और घाट सकती है। इस लिए कैबिनेट ने नए सिरे से बिड के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बता दें कि मंगलवार शाम को हुई कैबिनेट बैठक में इस पर सहमति बनी।
अवनीश अवस्थी ने बताया कि अब 45 दिन में नई बिड प्रक्रिया शुरू होगी। इसके तहत सिंगल स्टेज टू इनवलप (आरएफक्यू कम आरएफपी) में तकनीकी व वित्तीय बिड एक साथ खोली जाएंगी। पहले वित्तीय व तकनीकी बिड अलग-अलग खोली जाती थी। इसके कारण पूर्वाचल एक्सप्रेस प्रोजेक्ट पूरा होने की तय समय सीमा में 45 दिन और लगेंगे। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 23349.37 करोड़ है। विभिन्न उपायों से सिविल लागत 14000 करोड़ रुपये से कम करके 11800 करोड़ रुपये पर ले आए थे।