किसी भी इलाके की तस्वीर बदलने के लिये जरूरत होती है। वहां की जरूरतों को पूरा करना। ताकि लोग अपनी यात्रा कर अपना कार्य कर सकें। सरकार भी विकास को ध्यान में रखते हुये करोड़ों रूपयों की सड़क योजनायें चलाती है। गांव को मुख्य मार्गों से जोड़ा जा सके। लेकिन विभाग ,ठेकेदार और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से सड़कें आज भी आधी अधूरी पड़ी हैं।इसे बनवाने की सुध न तो विभाग ले रहा है, और न जिले के जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि। ऐसी स्थिति तब है जब हाल ही में सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी की सड़कों पर एक ट्वीट के जरिये अधिकारियों और विभागीय अधिकारियों को सड़कों की गुणवत्ता को लेकर चेतावनी दी थी।

विभाग के अधिकारी उनकी कितनी सुन रहे हैं वो गाजीपुर की एक सड़क बयान करती है।ये नन्दगंज से सौरम गांव को जोड़ने वाली सड़क का है जिसकी लम्बाई साढ़े सात किलोमीटर है। और इस पर करीब 3 करोड़ का बजट और इस सड़क के बनने की अंतिम तिथि 2 जनवरी 2018 थी। इसके बावजूद यह सड़क आज तक बनना तो दूर सिर्फ इस पर बड़े-बड़े पत्थर डालकर छोड़ दिया गया है।

राहगीर आये दिन होते है हादसों के शिकार

प्रदेश के  गाजीपुर जनपद के  नन्दगंज बाजार को सौरम गांव होते हुए चोचक पुर मौनी बाबा आश्रम को जोड़ने वाली यह सड़क जिसके लिये पिछले साल 3 जनवरी 2017 को प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत करीब 3 करोड़ रूपये स्वीकृत हुये थे। लेकिन इस सड़क पर आने जाने वाले लोगों को उस वक्त एक आस जगी कि अब उन्हे गड्ढे से भरी सड़क से मुक्ति मिल जायेगी। लेकिन यहं पर हुआ इसके उल्टा।

इस सड़क पर निर्माण कराने वाले ठेकेदार ने शुरू के करीब सौ मीटर की सड़क वो भी घटिया किस्म का बनाया, और उसके बाद पूरी सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर डालकर छोड़ दिया। इस पत्थर की वजह से आये दिन बच्चे बड़े और बुजुर्ग के साथ ही साइकिल और मोटक साइकिल सवार आये दिन चोटिल होते रहते हैं। ऐसा भी नहीं कि इस सड़क के लिये स्थानीय लोगों ने आवाज नहीं उठायी। इन लोगों ने कई बार तहसील दिवस और जनता दर्शन में जिलाधिकारी को इस सड़क के निर्माण के लिये ज्ञापन सौंपा।लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। वहीं अब ग्रामीण आन्दोलन करने का विचार बनाकर जहां प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं वो जिलाधिकारी कार्यालय और पीडब्लूडी के अधिशासी अभियंता का भी घेराव और अनशन का मन बना चुके हैं।

अभियंता ने 31 मार्च तक सड़क बनाने का किया दावा

जब इस मामले पर प्रधानमंत्री सड़क योजना के अधिशासी अभियंता सुनील सागर ने बताया कि प्रदेश में खनन पर रोक लगने का वजह से इस सड़क के निर्माण में देरी हुई है। साथ ही साथ जीएसटी का भी कहीं न कहीं प्रभाव पड़ा है। हम 31 मार्च तक इस सड़क के निर्माण को पूरा करने की बात कहीं है।

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