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भले ही प्रदेश में सरकार बदल गई हो लेकिन सरकारी विभागों में जमें बैठे भ्रष्ट अधिकारी अभी वही हैं। ताजा मामला फतेहपुर जिले का है यहां लोक निर्माण विभाग में वर्षों से जमे बैठे अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता ने एक ठेकदार से रोड बनवाने में खर्च हुए पैसे का जिलाधिकारी से आवंटन करवाने के लिए 30 हजार रुपये कमीशन के तौर पर रिश्वत मांगी। कई महीने बीत जाने के बाद भी जब पीड़ित को पैसे नहीं मिले तो उसने यह बातचीत की रिकार्डिंग वॉयरल कर दी है। इसके बाद से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है वहीं जिलाधिकारी फतेहपुर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
अगले पेज पर बातचीत के साथ पढ़िए घोटाले की खबर:
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करोड़ों के घोटाले का भी आरोप
- पीडब्ल्यूडी विभाग में सड़क बनाने का काम करने वाले ठेकेदार नारायण सिंह ने हमारे संवाददाता से बातचीत के दौरान बताया कि उनकी नारायण कंस्ट्रक्शन एंड सप्लॉयर के नाम से फर्म है।
- उन्होंने जून 2016 में एक टेंडर डाला था।
- टेंडर 15 प्रतिशत बिलो पर पास हुआ फिर भी ठेकेदार ने सड़क का निर्माण क़ुरा गणेशपुर में करवा दिया।
- आरोप है कि जब जनवरी में अचार संहिता लगी थी उसी दौरान एई धर्मेंद्र कुमार का फोन आया।
- आरोप है कि उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के यहां से आवंटन लेना है इसलिए 2 प्रतिशत के हिसाब से 30 हजार रुपये चाहिए।
- इस पर ठेकेदार ने कहा कि टेंडर बिलो है हम पैसे देने में असमर्थ हैं।
- इसके बाद लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार बर्दिया का फोन आया कि आवंटन लेना है या नहीं।
- इसके बाद फिर धर्मेंद्र ने फोन किया की पैसे हर हाल में चाहिए अगर आवंटन लेना है तो पैसे देना ही होगा।
ऑफिस में अधिकारियों ने धमकाया
- पीड़ित ठेकेदार ने बताया कि जब वह कार्यालय पहुंचा तो दोनों अधिकारी उसे धमकाने लगे।
- घूसखोर अधिकारियों ने कहा कि रोड की जांच करा देंगे फंस जाओगे।
- इस पर पीड़ित ने कहा कि जांच करवा दीजिये सड़क की गुणवत्ता बेहतर है मुझे कोई दिक्कत नहीं।
- इसके बाद इन अधिकारियों ने स्टेट स्तर की जांच करवा भी दी लेकिन गुणवत्ता सही होने की जब जांच अधिकारियों ने शासन को भेज दी तो इन अधिकारियों ने ठेकेदार के एक लाख रुपये डिपॉजिट में डाल दिए।
- लेकिन पीड़ित को अब तक उसका करीब 38 लाख रुपये पेमेंट नहीं मिला है।
सीएम समेत कई अधिकारियों को लिखा पत्र
- ठेकेदार ने अब तक भुगतान ना होने पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी, लोक निर्माण विभाग मंत्री, प्रमुख अभियंता लखनऊ, मुख्य अभियंता इलाहबाद, अधीक्षण अभियंता प्रतापगढ़ क्षेत्र और जिलाधिकारी फतेहपुर को 28 मार्च को लिखित प्रार्थनापत्र दिया परंतु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सपा सरकार में बोलते तो जमीन में गड़वा देता एक्सईएन
- पीड़ित ठेकदार से जब हमारे संवाददाता ने कहा कि यह जनवरी का ऑडियो है अभी तक वॉयरल क्यों नहीं किया तो पीड़ित बोला कि एक्सईएन अशोक की शासन में बहुत पकड़ है।
- अगर उस समय बोल देता तो वह हमें जिंदा जमीन में गड़वा देता।
- अब भाजपा सरकार है सीएम योगी सख्त हैं इसलिए उसने आवाज बुलंद की है।
करोड़ों का घोटाला कर सड़कों पर गढ्ढे पर करा लिया भुगतान
- पीड़ित का आरोप है कि अधिशासी अभियंता अशोक पिछले पांच साल से यहीं पर तैनात है।
- उसका थरियागांव में प्लांट भी लगा है।
- इस प्लांट के जरिये उसने करोड़ों रुपये का घोटाला किया है।
- लेकिन शासन में अच्छी पकड़ होने के चलते इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती।
- इतना ही नहीं क्षेत्र की सड़कों पर गड्ढे हैं लेकिन लाखों रुपये का भुगतान करा लिया गया।
जिलाधिकारी कार्यालय में रेट फिक्स
- पीड़ित का आरोप है कि पैसे आवंटन का खेल ऊंचे स्तर पर होता है, इसके लिए रेट फिक्स हैं।
- नारायण में बताया कि पैसे पास कराने के लिए यह रिश्वतखोर अधिकारी 2 प्रतिशत अपना कमीशन लेते हैं।
- वहीं 2 प्रतिशत टीए आवंटन के नाम पर लिया जाता है।
- जबकि डेढ़ प्रतिशत शासन के नाम पर कमीशन लिया जाता है।
- इस मामले में जब जिलाधिकारी फतेहपुर सेल्वा कुमारी जे से बात की गई तो उन्होंने सीधे इस संबंध में बोलने से मना कर दिया।
यहां सुनें बातचीत की रिकार्डिंग
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