उत्तर प्रदेश में पल पल बदलते सियासी समीकरणों के बीच एक बड़ी खबर आ रही है, चर्चा है कि पूर्वांचल की राजनीति में तगड़ी पैठ रखने वाले मुख्तार अंसारी अपनी पार्टी कौमी एकता दल का सपा में विलय कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, सपा मुखिया और बाहुबली मुखतार अंसारी के बीच शुरूआती दौर की बातचीत हो चुकी है, और जल्द ही समाजवादी पार्टी विलय पर अन्तिम मुहर लगा सकती है।
- कौएद के सपा में विलय को यूपी में ध्रुवीकरण की राजनीति को रोकने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। इस विलय का सबसे अधिक नुकसान भाजपा और बसपा को होगा।
- मालूम हो कि कौएद प्रमुख मुख्तार अंसारी की मुस्लिम वोटों में अच्छी पकड़ है और सपा मुस्लिम वोटरों को अपने पाले में रखकर बसपा को धूल चटाने की रणनीति पर काम कर रही है।
- भाजपा पहले ही भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन करके बसपा को तगड़ा झटका दे चुकी है।
- अब सपा ने भाजपा को उसी की तर्ज पर जवाब देने की तैयारी की है, सपा ने कौएद को अपने पाले में करके नए राजनीतिक समीकरण के संकेत दे दिए हैं।
- पूर्वाचल के मतदाताओं में मुख्तार अंसारी की अच्छी पकड़ है। वह गाजीपुर और मऊ के राजनीतिक समीकरणों को अपने बल-बूते बदलने की क्षमता रखते हैं।
- विधानसभा चुनाव में जीतने के लिए सपा को यादव के साथ ही मुस्लिम वोट को भी अपने पक्ष में लामबंद करना होगा, और मुख्तार मुस्लिम वोटों में अच्छी पैठ रखते हैं।
- यदि, मुख्तार सपा के साथ आते हैं तो प्रदेश में मुस्लिम वोटों का बंटवारा नहीं हो पायेगा, जिससे बसपा और भाजपा की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगेगा।
- कौमी एकता दल के वरिष्ठ नेता के अनुसार, पार्टी भी सपा में विलय चाहती है बस पार्टी के अन्य पदाधिकारियों की बैठक के बाद इस पर सहमति दे दी जाएगी।
- इससे पहले कौएद के अफजल अंसारी की सपा मुखिया मुलायम सिंह और सपा प्रदेश प्रभारी शिवपाल सिंह यादव से दो बार भेंट हो चुकी है।