बुलंदशहर गैंगरेप की वारदात के बाद यूपी पुलिस की लापरवाही एक बार फिर सामने आयी है। यूपी पुलिस की कार्यशैली तो कई बार निशाने पर रही है लेकिन इस दफे पुलिस से हुई चूक कोई पचा नही पा रहा है।
बता दें कि बुलंदशहर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक 34 वर्षीय महिला और उसकी 14 साल की बेटी के साथ गैंगरेप किया गया और इस मामले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुरे थाने को निलंबित कर दिया और वहां पर नयी टीम को भेज दिया गया है। पुलिस ने 3 आरोपियों को पकड़ा है जबकि मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। लेकिन इस पुरे मामले में पुलिस महकमे की कार्यशैली को लेकर हो रही आलोचना के कुछ वाजीब पहलु भी हैं जिन्हें अनदेखा नही किया जा सकता है।
- पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों को रिमांड पर क्यों नही लिया ताकि पूछताछ की जा सके?
- पुलिस को अभी तक ना कोई ठोस सबूत ना मिलने के बाद भी इन 3 आरोपियों को रिमांड पर लेना जरुरी नहीं लगा
- रिमांड पर लेकर पुलिस इन तीन अपराधियों का लाइ-डिटेक्टर टेस्ट भी करा सकती थी।
- घटना के वक्त पैट्रोलिंग वाहन क्या कर रहे थे ?
- घटनास्थल महज 600 मीटर की दूर था थाना से, फिर पुलिस इतनी निष्क्रीय क्यों थी?
- डायल 100 पर 4 बार कॉल किये जाने के बाद भी कॉल रिसीव क्यों नही की गई?
- क्या सिर्फ इसलिए कि डायल 100 का इस्तेमाल नेता नहीं करते, और आम आदमी के कॉल जरुरी नही लगे?
- एसएसपी अनीस अंसारी के अनुसार,सभी सबूत होने पर रिमांड की इजाजत ली जाती है, फिर अपराधियों तक कैसे पहुचेगी पुलिस?
- डीजीपी के बयान में 3 अलग नामों का जिक्र क्यों था ?
- किसको बचाने की कोशिश की जा रही है इस पुरे मामले में ?
- क्या घटनास्थल के आस-पास सक्रीय गिरोहों के बारे में पुलिस अनभिज्ञ थी?
- नेशनल हाईवे पर डंडे के सहारे पुलिस किस प्रकार सुरक्षा प्रदान करेगी, उन्हें हथियार और आधुनिक सुविधाएँ क्यों नही दी गई हैं?
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