रायबरेली नरसंहार (raebareli murder) पर योगी के मंत्री स्वामी का बयान सरकार के लिए सिरदर्द बन चुका है. कल एक और कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक को सरकार का पक्ष रखना पड़ा. इससे संकेत मिल रहे हैं कि योगी सरकार के मंत्री ने अपने ही दल के लिए मुसीबत पैदा कर दिया है.
स्वामी ‘बम’ से कैसे बचेंगे:
- रायबरेली के अप्टा गांव में पांच युवकों की हत्या के मामले में योगी सरकार की मुसीबत बढ़ती जा रही है.
- श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान सरकार के लिए सिरदर्द बन गए हैं.
- वहीँ सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीडि़तों के घर वालों को आर्थिक सहायता की घोषणा की थी.
- लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्या ने उन्हें ही शूटर ठहरा दिया.
- उन्होंने मरने वालों को अपराधी और नरसंहार को हादसा बता दिया.
- हालांकि पुलिस मारे गए युवकों को बेदाग मान रही है.
रायबरेली मर्डर: स्वामी प्रसाद हत्यारों के साथ!
मनोज पांडेय का मौन प्रदर्शन:
- पुलिस के मुताबिक नरसंहार में मरे पांच में से चार पर कोई मुकदमा नहीं था.
- लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्या के इस बयान ने विपक्षियों को योगी पर हमला बोलने का मौका दे दिया है.
- वहीं 11 जुलाई से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने वाला है.
- ऐसे में विरोधी पार्टी सपा और बसपा योगी सरकार के खिलाफ हमलावर रूख अख्तियार करेंगे.
- वहीँ सपा विधायक मनोज पाण्डेय आज हजरतगंज जीपीओ पर 11 बजे विरोध प्रदर्शन करेंगे.
- कई विधायक, विधान परिषद सदस्य की मौजूदगी में ब्राह्मण समाज के लोग मौजूद रहेंगे.
- पूरे प्रकरण पर आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग भी की जा रही है.
इस सनसनीखेज खुलासे ने उठाया स्वामी प्रसाद मौर्य के बड़े झूठ से पर्दा!
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