Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

रायबरेली: डीएम के आदेश की धज्जियां उड़ा रहा आपूर्ति विभाग

raebareli: Supply department disobey Dm order

जिले के डीएम संजय कुमार खत्री ने भले ही सभी विभागों में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए लगातार कड़े निर्देश जारी किये हो मगर जिले के आपूर्ति विभाग के अधिकारी डीएम के आदेश की भी धज्जियां उड़ाकर अपने मनमाने तरीके से कार्य करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

डीएम के आदेश की उड़ रही धज्जियाँ:

जिले में विगत लगभग फो माह पूर्व नसीराबाद क्षेत्र में एक कोटेदार द्वारा राशन लेने गयी महिला को सरकारी राशन की दुकान पर ही गोली मार दी गयी थी तब जिलाधिकारी ने जिले के आपराधिक छवि के कोटेदारों को सूचीबद्ध कर दुकानों को निरस्त करने के आदेश दिए थे मगर जिला पूर्ति अधिकारी के मनमाने रवैये के चलते डीएम साहब के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा दी गयी और अब तक जिले में आपराधिक छवि के कोटेदारों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है।

ये है पूरा मामला:

जिले के डलमऊ तहसील के थुलरई गांव में सरकारी राशन की दुकान में कोटेदार द्वारा की जा रही अनियमितता के कारण ग्रामीणों ने जब मोर्चा खोला तो, तहसील में तैनात पूर्ति निरीक्षक हरेंद्र बहादुर सिंह ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार करते हुए उक्त दुकानदार की दुकान को फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्रों के आधार पर आपूर्ति बाधित कर दिया और फिर बिना जाँच के ही आपूर्ति बहाल कर दी।

जांच में हुआ खुलासा:

ग्रामीणों की शिकायत के बाद मामले की जांच के लिए तत्कालीन एसडीएम डलमऊ प्रदीप कुमार वर्मा ने सीएमओ से पत्राचार किया तो एसीएमओ की जांच में जगतपुर सीएचसी अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर का खुलासा हुआ, एसडीएम के आदेश पर कोटेदार रंजीत सिंह पर जगतपुर थाने में धोखाधड़ी से सम्बंधित धाराओं में मामला पंजीकृत किया और पुलिस ने मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर दी, और 10 नवम्बर 2017 को दुकान को निलंबित कर दिया गया।

आपराधिक छवि के बावजूद नहीं निरस्त हुई दुकान:

उक्त गांव के कोटेदार पर पुलिस ने जिले के गदागंज थाने में भी एक पत्रकार को धमकाने के आरोप में जान से मारने की धमकी देने से सम्बंधित धाराओं में मामला पंजीकृत किया है, और विगत माह गदागंज पुलिस ने उक्त व्यक्ति पर मिनी गुंडा एक्ट की कार्यवाह करते हुए पाबन्द भी कर दिया मगर पूर्ति निरीक्षक के प्रेम के चलते अब तक दुकान निरस्त नहीं की जा सकी. सूत्रों के मुताबिक मामला ठंडा होते देख फिर से दुकान को बहाल करने की तैयारी शुरू कर दी है.

पूर्ति निरीक्षक भी हैं लापरवाह व विवादित:

डलमऊ तहसील में तैनात पूर्ति निरीक्षक हरेंद्र सिंह बेहद बेहद लापरवाह व विवादित रह चुके हैं, सीएम के महत्वपूर्ण पोर्टल आईजीआरएस की शिकायतों समय से निस्तारण न करने को लेकर डीएम ने कई बार उक्त पूर्ति निरीक्षक का वेतन काट दिया, पूर्व में भी पूर्ति निरीक्षक का दुकान बहाल करने के लिए भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के आरोप लगे व एक बार ऑडियो भी वायरल हुआ जिसमे पूर्ति निरीक्षक ने कहा कि सीएम भी मुझको फोन करके गाली देते हैं, मगर किसी भी जांच के बिना पूर्ति निरीक्षक को क्लीन चिट दे दी गयी।

क्या कहते हैं जिम्मेदार:

वहीं तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामले पर जब उप जिलाधिकारी डलमऊ जीत लाल सैनी ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है, जांच कर मामले में कार्यवाही की जाएगी, शासन की मंशा के अनुरूप भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए जाने पर दोषी पाए कार्यवाही की जाएगी।

पता नहीं प्रधानमंत्री को शर्म आएगी कि नहीं?: राज बब्बर

Related posts

लखनऊ नगर निगम ने रिलायंस का कार्यालय सील किया

Sudhir Kumar
6 years ago

28 लाख में कैसे होगा चुनाव प्रचार , जमकर होगा काले धन का प्रयोग !

Mohammad Zahid
8 years ago

क्राइम ब्रांच और बदमाशों के बीच मुठभेड़, घायलों ने बताया फर्जी एनकाउंटर

Bharat Sharma
7 years ago
Exit mobile version