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उत्तर प्रदेश के चुनाव के तहत सपा-कांग्रेस के गठबंधन के बाद गरमाती राजनीति के बीच अखिलेश यादव ने शुक्रवार 22 जनवरी को सपा के 77 प्रत्याशियों की सूची जारी की थी। ऐसे में प्रतापगढ़ के कुंडा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक व बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया ने सपा और अखिलेश यादव को लेकर अपना रूख साफ़ किया है। गौरतलब है कि राजा भैय्या के कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी से संबंध कुछ ठीक नहीं हैं.
अगले पेज पर जानिये क्या है राजा भैय्या का रूख:
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प्रमोद तिवारी से हैं पुराने मतभेद
- गौरतलब है कि प्रतापगढ़ क्षेत्र में इन दोनों दिग्गजों के बीच जंग शुरू से चलती आई है
- कांग्रेस से साथ गठबंधन का मतलब ‘एक मयान में दो तलवार’ जैसी बात है
- ऐसे में लोग काफी उत्सुक थे कि क्या गठबंधन के बाद भी राजा भैय्या सपा का साथ देंगे
- यहाँ तक की उनके भाजपा में शामिल होने को लेकर भी आये दिन खबर आती रहती है
दो दिन पहले ही ‘राजा भैय्या’ ने साफ़ कर दिया था रूख
- निर्दलीय ही लडूंगा, पर सपा सरकार बनाने में दूंगा योगदान
- गठबंधन की स्थिति पर बोले थे राजा भैया कि, निर्दलीय हूँ और निर्दलीय ही लडूंगा।
- निर्दलीय रहकर अखिलेश और समाजवादी पार्टी के पक्ष में वोट डालने की अपील करूँगा।
- राजा भैया ने आगे कहा था कि, आगामी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी बहुमत से सरकार बनाएगी।
अनूठा है प्रतापगढ़ का सियासी समीकरण
- प्रमोद तिवारी को अगर राजा भैय्या का साथ मिला तो सूबे में होगी कांग्रेस मजबूत
- यहीं नहीं, प्रमोद तिवारी को भी नेता के रूप में मजबूती मिलेगी
- अब सवाल ये है कि क्या राजा भैय्या इतनी बड़ी कुर्बानी देंगे?
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