यूपी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की 15-18 बड़ी रैलियां होंगी। इनमें से अधिकांश रैलियों में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत प्रमुख नेता भी मौजूद रहेंगे। रैलियों के लिए उन लोकसभा क्षेत्रों को तरजीह दी जाएगी, जहां कांग्रेस अच्छी फाइट में है। या फिर, मीडिया की अच्छी उपस्थिति के कारण जहां से कांग्रेस का संदेश पूरे प्रदेश में जा सके।
प्रदेशस्तरीय पार्टी कोर टीम को 29 मार्च की शाम तक प्रस्तावित कार्यक्रम की रूपरेखा हाईकमान को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। पहले फरवरी-मार्च में कांग्रेस ने लखनऊ समेत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 9 बड़ी रैलियां करने की योजना बनाई थी। लेकिन, बाद में हाईकमान के स्तर से तय हुआ कि प्रत्याशी घोषित करने के बाद ही बड़ी रैलियां की जाएं।
विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी घोषित करने से पहले राहुल गांधी की खाट सभाएं और जनसभाएं कराई गई थीं, लेकिन उसका अपेक्षित परिणाम नहीं मिला। वहीं, प्रत्याशी तय होने के बाद उस क्षेत्र में उसे ही कांग्रेस पार्टी और अध्यक्ष राहुल गांधी का चेहरा बताकर समर्थन मांगा जाएगा।
पार्टी के भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक, ये बड़ी रैलियां सहारनपुर, गाजियाबाद, बरेली, फतेहपुर सीकरी, अलीगढ़, लखनऊ, फैजाबाद, बाराबंकी, कुशीनगर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, कानपुर-उन्नाव, कुशीनगर, वाराणसी और झांसी लोकसभा क्षेत्रों में होंगी।
इसके अलावा करीब तीन रैलियां उन मंडल मुख्यालयों पर प्रस्तावित हैं, जो इन लोकसभा क्षेत्रों से बाहर हैं। कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने के आग्रह पर बताया कि लखनऊ और वाराणसी की रैलियों पर सबसे ज्यादा जोर रहेगा, क्योंकि यहां से कांग्रेस के चुनावी वादे पूरे देश और प्रदेश में आसानी से प्रचारित व प्रसारित हो सकेंगे।
राहुल-प्रियंका की रैलियों समेत सभी प्रमुख कार्यक्रमों के लिए एक अनौपचारिक कोर टीम गठित की गई है। यह कोर टीम सीधे दिल्ली स्थित वार रूम से जुड़ी रहेगी। रैलियों का प्रस्तावित कार्यक्रम भी यही टीम भेजेगी, जिसे अंतिम रूप दिल्ली स्थित कार्यालय से दिया जाएगा।
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