कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार देर रात छुट्टियों से स्वदेश वापस लौट आए हैं, इसके साथ ही प्रियंका गांधी को यूपी विधानसभा चुनाव में सक्रिय भूमिका में उतरने के लिए रजामंदी लेने की कोशिश तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने उन्हें प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में उतारने का प्रस्ताव दिया है।
- कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रियंका ने इस सम्बंध में सकारात्मक संकेत दिए है, लेकिन फिलहाल गांधी परिवार की ओर से अभी तक कोई ठोस पहल सामने नहीं आई है।
- कहा जा रहा है कि राहुल के लौट आने के बाद अब गांधी परिवार सक्रिय राजनीति में प्रियंका के आने को लेकर अंतिम फैसला कर सकता है।
- इससे पहले यूपी कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी पार्टी से यूपी में सक्रिय राजनीति करने और वक्त बिताने के लिए राहुल गांधी या प्रियंका गांधी को आगे करने की सलाह दी थी।
क्रास वोटिंग करने वालों का होगा फैसलाः
- इसके साथ ही पार्टी आलाकमान अब यूपी के उन विधायकों की घेरबंदी भी करेगा, जिन्होंने यूपी में राज्यसभा और विधान परिषद सदस्य चुनाव क्रास वोटिंग करके कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाई थी।
- बताया जा रहा है कांग्रेस की पड़ताल के बाद बनी लिस्ट में छह नहीं बल्कि 11 विधायकों के नाम बतौर धोखेबाज सामने आ रहे हैं।
- खुलासा हुआ था कि तीन विधायकों बुलंदशहर जिले के स्याना से दिलनवाज खां, अमेठी की तितोही से मौहम्मद मुस्लिम, रामपुर के स्वार से नवाब काजिम अली के बसपा ने बसपा के पक्ष में वोटिंग की थी।
- वहीं, कुशीनगर के खड्डा से विजय दूबे, बस्ती के रधौली से संजय जायसवाल, बहादुरगढ़ के नानपारा से माधुरी वर्मा ने भाजपा के पक्ष में वोट दिया था।
- मालूम हो कि राज्यसभा चुनाव में ओपन वोटिंग होती है जिसके कारण इन छः विधायकों के नाम सामने आये थें।
- सूत्रों के मुताबिक पार्टी के बाकी पांच विधायकों ने सिर्फ विधान परिषद चुनाव में ही क्रास वोटिंग की थी, जिसके वजह से उनके नाम सामने नहीं आए थें, लेकिन पार्टी की गोपनीय जांच में इन पांच विधायकों के बारे में भी पता चला है।
- यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद इन विधायकों की घेराबंदी में जुटे हैं और इन्हें इन्हीं के अंदाज में सबक सिखाने की रणनीति पर काम कर रहें हैं।
- अब राहुल के विदेश यात्रा से वापस आने के बाद यूपी के भावी रण के साथ-साथ इन बागी विधायकों पर भी फैसला किया जा सकता है।
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