भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने राहुल गांधी के संसद में 15 मिनट बोलने की चुनौती वाले बयान पर चुटकी लेते हुए कहा कि राहुल गांधी बिना पर्ची पढ़े लगातार 15 मिनट बोल ही नहीं सकते है। किसी भी जनसभा में या संसद की कार्यवाही में अबतक राहुल गांधी लगातार 15 मिनट नहीं बोल सके है। शोक संदेश लिखने के लिए भी राहुल गांधी को नकल करनी पड़ती है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देना हास्यास्पद है। विपक्ष के हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही बाधित रही है। राहुल गांधी जी को संसद में बोलने से कांग्रेस ही रोक रही है।

राकेश त्रिपाठी ने कहा कि अमेठी में विद्यार्थियों के विकास से जुडे वाजिब प्रश्नों पर निरूत्तर राहुल गांधी मोदी और योगी पर जवाबदेही टालकर बचने का असफल प्रयास कर रहे थे। जबकि राहुल को जवाब देना चाहिए कि आजादी के बाद अमेठी और रायबरेली संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सर्वाधिक गांधी परिवार ने ही किया है। और देश में सबसे ज्यादा समय तक केन्द्र में सत्ता संचालन भी गांधी परिवार ने ही किया है, बावजूद इसके अमेठी और रायबरेली में बुनियादी सुविधाओं का अभाव क्यों रहा है। अमेठी और रायबरेली के विकास के लिए या समस्याओं के लिए समाधान के लिए राहुल जी ने कितनी बार मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री को पत्र लिखे हैं या मिलकर समस्या समाधान का आग्रह किया है? राहुल गांधी सांसद के तौर पर अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं को उठाने में विफल रहे है।

राकेश त्रिपाठी ने कहा कि केन्द्र और राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद विकास की योजनाएं अमेठी और रायबरेली पहुॅचना शुरू हुई है। पिछले लोकसभा चुनावों में ही अमेठी में राहुल गांधी को कडी टक्कर मिली थी। जिससे कांगे्रस के किले के दरकने के संकेत मिल गए थे। आगामी 2019 के लोकसभा चुनावों में हार सुनिश्चित देख राहुल गांधी जी बदहवासी में कुछ भी बोल रहे हैं। अमेठी और रायबरेली की जनता इस बार कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए तैयार है।

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