यूपी चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के चलते लखनऊ के जिलाधिकारी जयशंकर प्रियदर्शी व एसपी मंजिल सैनी ने गोसाईगंज स्थित जिला कारागार का औचक निरीक्षण किया।
- छापेमारी के दौरान कैदियों के पास तीन मोबाइल, चार्जर, के अलावा मुख्तार अंसारी की बैरक से लाइटर मिला।
- वहीं अकील की बैरक में भी काफी सामान बरामद हुआ।
- दो एसपी, 5 सीओ और 10 थानेदारों की अचानक छापेमारी से जेल प्रशासन के हाथ पैर फूल गये।
- जिलाधिकारी ने जेल प्रशासन को सख्त दिशा निर्देश जारी किये हैं।
सघन तलाशी के बाद भी जेल में कैसे पहुंचा सामान?
- लखनऊ जेल में निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर अधिकारियों ने करागार में अपने लाउलस्कर के साथ अचानक छापामारी की।
- अचानक हुई छापेमारी ने जेल प्रशासन की लापरवाही की पोल खोलकर रख दी।
- तकरीबन दो घंटे तक अफसरों ने सघन चेकिंग अभियान जेल के भीतर चलाया।
- इस दौरान विभिन्य बैरकों की तलाशी ली गयी।
- अफसरों को जमीन में दबे हुये और पेड़ पर टंगे हुये तीन मोबाइल बरामद हुये।
- इसके साथ ही साथ पांच चार्जर, ईयर फोन और खूंखार अपराधियों की बैराग से लाइटर समेत कई सामान बरामद हुए।
- पुलिस ने इस सामान को जप्त कर लिया, आचार संहिता के दौरान जेल में मोबाइल और लाइटर मिलना जेल प्रशासन की मिली भगत की तरफ इशारा करता है।
- अधिकारियों ने जेल प्रशासन से पूछा है कि यह सामान जेल के अंदर कैसे पहुंचा?
क्या कहते हैं जिम्मेदार
- इस संबंध में जिलाधिकारी ने बताया कि पकड़े गये सामान के सम्बंध में जांच की जा रही है।
- यह भी जांच का विषय है कि जेल गेट से लेकर अंदर तक कई जगह चेकिंग होने के बाद आखिर यह सामान जेल तक कैसे पंहुचे?
- इसकी भी जांच की जायेगी, जेलकर्मियों की मिलीभगत से भी इंकार नही किया जा सकता।
- उन्होंने बताया की यदि जेलकर्मी दोषी हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।