बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की तरह देवरिया नारी संरक्षण गृह में भी देह व्यापार और मानव तस्करी का खुलासा होने के बाद उत्तर प्रदेश के लोगों में काफी आक्रोश पैदा हो गया है। शासन के आदेश के बाद पूरे प्रदेश के संरक्षण गृहों में पुलिस और जिला प्रशासन ने ताबड़तोड़ छापेमारी की। शाहजहांपुर, हरदोई, बरेली, गोरखपुर, गाजीपुर, बलिया, कानपुर, बहराइच, बाराबंकी, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, मेरठ, मुजफ्फरनगर सहित कई जिलों में छापेमारी के दौरान संरक्षण गृहों की स्थिति ठीक नहीं मिली। हालांकि इन सेल्टर होम्स में जितने बच्चे दर्ज थे उतने ही जांच में पूरे मिले। अधिकारियों ने दस्तावेजों की जांच में काफी खामियां पाई। वहीं सुधार गृहों की स्थिति भी सही नहीं मिली।
सोमवार को राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर जीपीओ स्तिथ गांधी प्रतिमा पर देवरिया से आए सपा कार्यकर्ताओ ने जोरदार प्रदर्शन किया। सपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि ये घटना सत्ता के संरक्षण में हुई है। सपा कार्यकर्ताओं ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। इधर देवरिया जिला मुख्यालय स्थित बालिका गृह से सेक्स रैकेट संचालित होने का मामला प्रकाश में आने के बाद शासन गंभीर हो गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने खुद जिलाधिकारी सुजीत कुमार को सोमवार की सुबह फोन कर पूरी जानकारी ली। इस दौरान इस प्रकारण की रात में ही जानकारी न देने पर जिलाधिकारी पर नाराजगी भी जताई है। साथ ही पूरे प्रकरण की जांच कर शाम तक रिपोर्ट उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है। उधर दो घंटे तक जिलाधिकारी सुजीत कुमार व अपर पुलिस अधीक्षक गणेश प्रसाद शाहा ने बाल गृह पहुंच कर मुक्त कराए गए बच्चों व महिलाओं से बातचीत की। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डीएम सुजीत कुमार को हटा दिया और पूर्व जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) अभिषेक पांडेय को सस्पेंड कर दिया। वहीं, अतिरिक्त प्रभार संभालने वाले दो अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए।